करनाल | भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री रही कल्पना चावला के पिता ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया है. 92 साल की उम्र में एक निजी अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. मृत्यु के पश्चात उनकी इच्छा के मुताबिक, उनका देहदान किया गया है. इससे पूर्व निर्मल कुटिया में पूरे परिवार और परिचितों ने माथा टेका.
बेटे के फ्लैट पर चल रहा था इलाज
92 वर्षीय बनारसी दास चावला पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. करनाल स्थित सीएचडी सिटी में अपने बेटे संजय के फ्लैट पर ही उनका उपचार चल रहा था. कल अचानक से ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने कल रात अंतिम सांस ली. उनकी मौत की सूचना मिलते ही परिचितों का अस्पताल में तांता लग गया.
वसीयत में लिखी देहदान की अंतिम इच्छा
स्वर्गीय चावला के पोते उदय ने बताया कि दादाजी ने अपनी वसीयत में अंतिम मृत्यु उपरांत शरीर दान की इच्छा व्यक्त की थी. इसी के अनुरूप उनकी देहदान की जा रही है. वहीं, उनकी मौत पर करनाल के लोगों ने कहा कि स्वर्गीय चावला आजीवन समाजसेवा को समर्पित रहे हैं.
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