चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार की तरफ से ग्रुप सी और डी के पदों पर सीईटी के जरिए भर्तियां की जानी है. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से ग्रुप सी के CET परीक्षा के बाद ग्रुप नंबर 56 और 57 की दूसरे चरण की परीक्षा भी ले ली गई है. मगर यह मामला अदालत में जा चुका है. जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ग्रुप नंबर 56 की परीक्षा में 41 से सवाल रिपीट हो गए थे, जिसकी वजह से मामला विवादों में है. ग्रुप सी की तैयारी करने वाले सभी उम्मीदवारों को अब अगली परीक्षाओं का इंतजार है, मगर मामला सुलझता हुआ नहीं दिख रहा.
3 अक्टूबर को हुई थी हाईकोर्ट में सुनवाई
गत 3 अक्टूबर को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी लेकिन कोर्ट की तरफ से अब अगली तारीख दे दी गई है. सभी उम्मीदवारों की नजरे इस पर टिकी हुई थी कि इस दिन कोर्ट में क्या फैसला होगा लेकिन कोई भी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया. सिंगल बेंच की तरफ से फैसला दिया गया था कि पहले सभी उम्मीदवारों को दिए जाने वाले सामाजिक आर्थिक मानदंड के अंकों की वेरिफिकेशन की जाए तथा उसके बाद परीक्षा ली जाए.
उस वक्त तो आयोग ने रातों रात अपील दायर कर ग्रुप नंबर 56, 57 का पेपर लेने के लिए आग्रह किया और अगली सुबह सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पेपर लेने के लिए अनुमति भी प्रदान कर दी थी, मगर ग्रुप नंबर 56 के पेपर में ग्रुप नंबर 57 के प्रश्न पत्र से 41 सवाल रिपीट हो गए. इससे आयोग हंसी का पात्र बन गया और विभिन्न राजनीतिक दलो ने सरकार को जमकर घेरा.
भर्ती प्रक्रिया में हो रही देरी से आवेदक परेशान
यह मामला भी हाईकोर्ट जा पहुंचा. पिछली सुनवाई पर इस मामले को भी अपील वाले मामले के साथ जोड़ दिया गया था. अपील पर सुनवाई के बाद जब ग्रुप 56, 57 के पेपर लेने का अंतरिम आदेश पारित किया गया था तब सुनवाई के लिए अगली तारीख सितंबर तय हुई थी. मगर उस तारीख पर प्रोसेसिंग फीस जमा न होने की वजह से अगली तारीख 3 अक्टूबर 2023 तय की गई थी. अब 3 अक्टूबर को प्रतिवादीगण को नोटिस जारी हुए तथा अगली तारीख 31 अक्टूबर 2023 निर्धारित की गई है.
अभी भी 61 ग्रुपों की परीक्षा रहती है. सभी उम्मीदवार इस परीक्षा के इंतजार में है लेकिन परीक्षा का आयोजन होना संभावित नहीं नजर आ रहा है. आवेदक भर्ती प्रक्रिया में हो रही देरी से काफी परेशान है.
सोशल मीडिया पर आयोग पर की जा रही टिप्पणियां
सोशल मीडिया पर भी आयोग पर जमकर निशान साधा जा रहा है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कहा था कि एक साल के अंदर लगभग 60,000 सरकारी पदों पर भर्तियां होगी, मगर जिस तरह से ग्रुप सी की भर्तियां फंस गई हैं, उससे मुख्यमंत्री की यह घोषणा पूरी होने पर संदेह बना हुआ है. यदि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) को ग्रुप सी की 32,000 भर्तियां पूरी करनी हैं तो उसे सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंकों की वेरिफिकेशन कर सीईटी का रिवाइज्ड स्कोर जारी कर देना चाहिए.
आयोग को यह जिद्द छोड़नी चाहिए कि फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं हो सकता है. सरकारी सिस्टम में हर काम हो सकता है. आयोग चाहे तो जिलों में उन 2.11 लाख उम्मीदवारों का नाम भेजकर उनकी वेरिफिकेशन करा सकता है. यदि ऐसा होता है तो भर्ती प्रक्रिया तेज हो जाएगी. आने वाले चुनाव तक अगर ‘भर्तियां यूं ही फंसी रहीं तो सरकार को भी कोई फायदा नहीं होगा.
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