चंडीगढ़ | हरियाणा के किसानों में सोलर ट्यूबवेल पंप लगाने को लेकर उत्साह बढ़ा है. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान अभियान योजना के तहत, प्रदेश में अब तक 63 हजार 733 किसानों ने सोलर ट्यूबवेल लगवाये हैं. इससे सरकार पर बिजली सब्सिडी का बोझ भी कम हुआ है. मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि 3 एचपी (हॉर्स पावर) से लेकर 10 एचपी तक की क्षमता के 63 हजार 733 सोलर पंप स्थापित कर 294 करोड़ रुपये की बचत की गयी है.
1603 करोड़ रुपये की दी गई सब्सिडी
साथ ही, 44 करोड़ 10 लाख यूनिट बिजली की बचत हुई और 5.5 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम हुआ. पावर ऑफ- ग्रिड सौर पंपों की स्थापना में महाराष्ट्र के बाद हरियाणा दूसरे स्थान पर है. बता दें कि राज्य सरकार हर साल किसानों को 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिजली सब्सिडी देती है जबकि सोलर पंप सेट लगाने पर 1603 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है.
दी गई 10 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि
घरेलू सोलर रूफटॉप योजना के तहत 500 वर्ग गज छत क्षेत्र वाले लगभग 7,700 घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली वितरण कंपनियों के ग्रिड से जोड़ा गया है. इसके अलावा, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में घरेलू रूफटॉप सोलर के 1651 उपभोक्ताओं को जोड़ा गया है. इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा लगभग 10 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है.
वर्तमान में हरियाणा में सालाना 84 लाख टन बायोमास का उत्पादन हो रहा है, जिसमें धान की पराली का योगदान 70 लाख टन है. सरकार की ये योजना काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है.
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