रेवाड़ी | आज हरियाणा सरकार ने बताया कि सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की स्मृति में पानीपत तथा रेवाड़ी जिला में स्मारक बनाए जाएंगे. साथ ही आगे कहा है कि “संत महापुरूष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना” के तहत दोनों जिलों में 4 से 5 एकड़ भूमि में यह स्मारक बनाए जाएंगे. आज नई दिल्ली के हरियाणा भवन में संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के तहत एक समारोह का आयोजन किया गया था जिसमें हरियाणा के सीएम मनोहर लाल मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे.
सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य का इतिहास
बता दें कि सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य जिन्हें हेमू के नाम से भी जाना जाता है. लगभग 450 वर्ष पूर्व मध्यकालीन भारतीय इतिहास में वह लगातार 22 युद्धों में विजयी हुए थे और अकबर की सेना को परास्त कर दिल्ली की गद्दी पर बैठे थे. सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य एक हिंदू राजा थे जिनमें वीरता, सामरिक कौशल और राजनीतिक दूरदर्शिता का अद्भुत मिश्रण था. वहीं, कुतुबपुर में हिंदू सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की हवेली करीब 700-800 वर्ग गज है, जो करीबन 1000 साल पुरानी है.
मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar ने कहा कि सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य की स्मृति में #पानीपत तथा #रेवाड़ी जिला में स्मारक बनाएं जाएंगे। संत महापुरूष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के तहत दोनों जिलों में 4 से 5 एकड़ भूमि में यह स्मारक बनाए जाएंगे।#Haryana #DIPRHaryana pic.twitter.com/lkp7Bj7UeV
— DPR Haryana (@DiprHaryana) October 7, 2023
इतिहासकारों के अनुसार सम्राट हेमू का जन्म वर्ष 1501 में राजस्थान के अलवर जिले के मछेरी नामक गाँव में राय पूर्ण दास के यहाँ हुआ था. उनके पिता एक पुजारी के रूप में काम करते थे और 1516 में व्यापार करने के लिए मछेरी से रेवाडी आये थे. उन दिनों रेवाडी एक अच्छा व्यापार केन्द्र था और रेवाडी में रहकर ही सम्राट हेमू ने शिक्षा प्राप्त की तथा विभिन्न भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया.
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