रेवाड़ी | चीन के हांगझोऊ शहर में होने वाले पैरा एशियन गेम्स में अब दुनियाभर से दिव्यांग खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का परिचय देंगे. इन खेलों में हरियाणा के रेवाड़ी जिले से भी 5 खिलाड़ियों का चयन हुआ है. इनमें शर्मिला धनखड़, प्रवीण, लक्षित यादव, टेकचंद व पूजा यादव शामिल हैं. ये खिलाड़ी नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं. इनके मुकाबले 18 अक्टूबर से शुरू होंगे. फिलहाल एशियन गेम्स की तैयारियों में जुटे ये खिलाड़ी एथलेटिक कोच अनिल यादव की देखरेख में राव तुलाराम स्टेडियम में सुबह- शाम पसीना बहा रहे हैं.
शर्मिला धनखड़
रेवाड़ी शहर स्थित सनसिटी की रहने वाली पैरा खिलाड़ी शर्मिला धनखड़ ने साल 2020 में राव तुलाराम स्टेडियम में पैरा-कोच टेकचंद (पैरा-ओलंपियन) के मार्गदर्शन में शॉटपुट का अभ्यास शुरू किया था. शर्मिला बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में चौथे स्थान और 13वीं फज्जा वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स 2022 में 5वें स्थान पर रही थी. साल 2021 और 2022 में उन्होंने नेशनल शॉटपुट में गोल्ड मेडल, इंडियन ओपन-2021 में जैवलिन में एक स्वर्ण और शॉटपुट में सिल्वर मेडल जीतकर हरियाणा का नाम रोशन किया था.
दो बेटियों की मां शर्मिला ने महज 3 साल में ही अपनी कड़ी मेहनत और प्रबल इच्छा शक्ति की बदौलत कई खास उपलब्धियां हासिल की है. वो रेवाड़ी जिले की पहली महिला बस कंडक्टर भी रह चुकी है. उन्हें इसी साल 10 मार्च को करनाल में आयोजित हुए समारोह में सीएम मनोहर लाल ने स्पोर्ट्स वूमेन अवॉर्ड से सम्मानित किया था.
पूजा यादव
एशियन गेम्स के लिए भारतीय टीम में शामिल हुई धारूहेड़ा निवासी पूजा यादव बचपन में कुएं में गिरने से रीढ़ की हड्डी में चोट खा बैठी थी. कई सालों तक बिस्तर पर रहने के बाद साल 2017 में पैरा गेम्स में खेलना शुरू किया और दिव्यांगता को मात देते हुए जयपुर में आयोजित 17वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता के शॉटपुट में पदक जीतकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया.
इसके बाद, पूजा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने इसी साल पेरिस में 8 से 17 जुलाई को आयोजित हुई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 14.70 मीटर दूर भाला (जैवलिन थ्रो) फेंक कर कांस्य पदक जीतते हुए देश- प्रदेश का गौरव बढ़ाया. उनके पास जैवलिन थ्रो, शॉटपुट और डिस्कस थ्रो तीनों में पदक जीतने का अनुभव हैं.
लक्षित यादव
एशियन गेम्स के लिए चयनित हुए लक्षित यादव करीब 5 साल पहले बाईक से गिरने के बाद चोटिल हो गए थे. उन्हें रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी जिसके चलते वह व्हीलचेयर पर पहुंच गए. पैरा कोच टेकचंद को लक्षित के बारे में पता चला तो उन्होंने लक्षित को मोटिवेट करते हुए पैरा गेम्स खेलने के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद, लक्षित 2021 में बहरीन में आयोजित हुई चतुर्थ एशियन यूथ पैरा गेम्स में 6.90 मीटर दूर गोला फेंककर और 17.95 मीटर दूर भाला फेंककर 2 पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया.
प्रवीण कुमार
गुरुग्राम जिले के गांव हकदारपुर निवासी प्रवीण कुमार बचपन में ही पोलियो ग्रस्त हो गए थे. 2017 में राव तुलाराम स्टेडियम में एथलेटिक्स कोच अनिल यादव से मुलाकात हुई और उन्होंने पैरा गेम्स में खेलने के लिए हौसला दिया. इसके बाद, उसी साल रोहतक में आयोजित खेल प्रतियोगिता में उन्होंने अपना पहला मेडल जीता. बता दे इस साल दुबई में आयोजित हुई वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जैवलिन व डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे.
टेकचंद
जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग में प्रशिक्षक के पद पर कार्यरत बावल निवासी टेकचंद ने साल 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतकर हिंदुस्तान का नाम रोशन किया था. मार्च, 2021 में बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप में उन्होंने जैवलिन, डिस्कस और शॉटपुट में एक-एक गोल्ड मेडल जीतकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया.
टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने पैरालिंपिक गेम्स में ध्वजवाहक के रूप में भारतीय दल का नेतृत्व भी किया था. 37 वर्षीय टेकचंद एक सड़क दुर्घटना में दिव्यांग हो गए थे. रेवाड़ी के एथलेटिक प्रशिक्षक रहे भीम अवार्डी सतबीर सिंह ने उनसे मुलाकात कर हौसला बढ़ाते हुए उन्हें खेलों के जरिए अपनी दिव्यांगता को मात देने के लिए प्रेरित किया.
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