भिवानी | हरियाणा के भिवानी की एक और बेटी ने कमाल कर दिखाया है. लोहारू में फरटिया ताल गांव की बेटी निशा श्योराण ने HCS परीक्षा में 17वीं रैंक हासिल की है. निशा की इस उपलब्धि पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है. अब पिता का सपना है कि बेटी किसानों के पास जाए और उनकी समस्याओं का समाधान करें.
खुशी के मारे नहीं आई रात में नींद
निशा (Nisha Sheoran) अपनी नियुक्ति से बेहद खुश हैं और कहती हैं कि चयन के बाद पहली कॉल पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ. जब मैंने साइट पर रिजल्ट देखा तो खुशी के मारे मुझे नींद नहीं आ रही थी. पिता सेवानिवृत्त सैनिक राजबीर श्योराण का कहना है कि निशा को बचपन से ही पढ़ाई में बहुत रुचि थी. स्कूल टाइम में टेस्ट में आधे नंबर आने पर भी वह घर और स्कूल में हंगामा मचा देती थी.
पिता को बेटी से काफी उम्मीदें
एक किसान होने के नाते पिता राजबीर अपनी बेटी से उम्मीद कर रहे हैं कि अफसर बनने के बाद वह किसानों की समस्याओं को समझे और ऑफिस जाने के बजाय किसानों के बीच जाकर समाधान निकाले और किसानों को सही रास्ता दिखाए. उनका कहना है कि किसान झिझक के कारण अधिकारियों से मिलने उनके दफ्तर नहीं जाते हैं. ऐसे में पिता को बेटी से काफी उम्मीदें हैं.
मेहनत करने में निशा का नहीं कोई मुकाबला
बता दें कि आपको जानकारी हैरानी होगी कि निशा पढ़ाई के साथ- साथ घर और खेती का भी काफी काम करती है. एचसीएस परीक्षा पास करने के बाद भी निशा आज भी खेतों में कपास चुनने का काम करती है. वह घर से ट्रैक्टर लेकर खेत की जुताई करती है. निशा की मां टीचर रही हैं और पिता बीएसएफ में हैं. निशा और उसका भाई गाँव में अपने चाचा के साथ रहते थे, यहीं पढ़ाई की और घर व खेत में मेहनत भी की. यह गांव हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के विधानसभा क्षेत्र में आता है.
ऐसे हुई थी प्रेरित
निशा श्योराण का कहना है कि खेती उनके परिवार का पुश्तैनी काम है. इसलिए वे खेतों में भी काम करती है. उनका संयुक्त परिवार है. उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए अपने पूरे परिवार का समर्थन मिला और वह राष्ट्रपति महात्मा के कथन ‘खुद में वह बदलाव बनें जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं’ से कुछ अलग और बड़ा करने के लिए प्रेरित हुई थी.
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