राखीगढ़ी की तर्ज पर ऐतिहासिक स्थल अग्रोहा होगा विकसित, मिली मंजूरी

हिसार | जल्द ही ऐतिहासिक स्थल अग्रोहा को हरियाणा के राखीगढ़ी की तर्ज पर विकसित करने जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार ने राखीगढ़ी मॉडल के अनुसार, एमओयू के माध्यम से अग्रोहा पुरातात्विक स्थल और आसपास के क्षेत्र के समग्र विकास को मंजूरी दे दी है. अग्रोहा को पुरातात्विक स्थल महाराजा अग्रसेन की राजधानी माना जाता है. इस स्थान के विकास से न केवल आस्था का यह केंद्र विश्व में अपनी पहचान बनाएगा बल्कि यह स्थान पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध हो जाएगा.

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पत्र लिखकर दी जानकारी

इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भारत सरकार के अन्वेषण एवं उत्खनन अनुभाग के निदेशक परवीन कुमार मिश्रा ने हरियाणा सरकार के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के विशेष सचिव एवं निदेशक को लिखे पत्र में कहा कि अग्रोहा पुरातात्विक स्थल की खुदाई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की उत्खनन शाखा द्वितीय और संयुक्त रूप से की जाएगी. खुदाई शुरू करने से पहले संभावित इलाकों में पीआर सर्वे जैसे अन्य सर्वे भी कराए जाएंगे. हरियाणा राज्य पुरातत्व विभाग जीपीआर सर्वेक्षण का वित्तपोषण करेगा.

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सीएम ने किया ये अनुरोध

आपको बता दें कि हिसार जिले में केंद्रीय संरक्षित स्थल अग्रोहा में उत्खनन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अगस्त माह में केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी को पत्र लिखा था. मुख्यमंत्री ने इच्छा व्यक्त की थी कि हरियाणा सरकार प्रसिद्ध ऐतिहासिक शहर अग्रोहा में पुरातात्विक विरासत को उजागर करना चाहती है ताकि राज्य के सांस्कृतिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़े. उन्होंने इस स्थल को हरियाणा में एक भव्य विरासत स्थल में बदलने और एक पुरातात्विक स्थल संग्रहालय और व्याख्या केंद्र स्थापित करने के लिए एक परियोजना शुरू करने का भी अनुरोध किया है.

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खुदाई के दौरान मिल सकती हैं कई पुरानी चीजें

बताते हैं कि खुदाई के दौरान अग्रोहा के सिक्कों की खोज और महाभारत सहित प्राचीन साहित्य में इसके प्राचीन नाम अग्रडोका की उपस्थिति इसके गणतंत्र का मुख्यालय होने के पर्याप्त प्रमाण हैं. अग्रोहा शहर तक्षशिला और मथुरा के बीच प्राचीन व्यापार मार्ग पर स्थित था. इसलिए यह फिरोज शाह तुगलक (1351- 88 ई.) की नई बस्ती हिसार- ए- फिरोज़ा के अस्तित्व में आने तक वाणिज्य और राजनीतिक गतिविधि का केंद्र था. लगभग चौथी शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी ईस्वी तक की 5 अलग- अलग सांस्कृतिक अवधियों का खुलासा किया है. इस बार भी खुदाई के दौरान काफी उम्मीदें हैं.

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