चरखी दादरी जिले में हरियाणा का पहला सरकारी AC स्कूल, निजी स्कूलों को पछाड़ा; पढ़े सुविधाए

चरखी दादरी | हरियाणा में सरकारी स्कूलों की हालत देखकर अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने से कतराते हैं. ऐसे में अभिभावक भारी भरकम फीस देकर अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजते हैं. बता दें कि चरखी दादरी जिले के गांव खेड़ी बूरा स्थित राजकीय उच्च विद्यालय (Govt High School Kheri Bura) में आधुनिक सुविधाओं के साथ- साथ शिक्षा की व्यवस्था ऐसी है कि निजी स्कूलों को मात दे रही हैं.

Kheri Boora School

सभी कक्षाओं में है एसी

विद्यालय के सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लास बनाया गया है. स्कूल में कक्षा 6वीं से 10वीं तक सभी कक्षाओं में एसी हैं और स्कूल में एक ओपन जिम, आधुनिक पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, डिजिटल स्क्रीन के साथ आरओ के पीने का पानी और पूरा परिसर वाई-फाई से सुसज्जित है. ग्रामीण इलाकों के बच्चे यहां पढ़कर नामी-गिरामी स्कूलों से भी आगे निकल जाते हैं.

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छात्रों की किताबें और ड्रेस निःशुल्क

प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शिक्षक राजेश के पिता की पेंशन तथा उनके स्तर पर बोर्ड कक्षाओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 11 हजार, 5100 व 2100 रुपये का पुरस्कार दिया जा रहा है. इतना ही नहीं शिक्षक अपनी कमाई से छात्रों के लिए स्टेशनरी का सामान, स्टाफ का सम्मान, बच्चों की ड्रेस, किताबों का खर्च, गरीब बच्चों के लिए बैग आदि भी मुहैया करा रहे हैं.

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जेबीटी शिक्षक राजेश की अहम भूमिका

स्कूल के हेड मास्टर विकास कुमार ने कहा कि खास बात यह है कि स्कूल को सरकार ने सौंदर्यीकरण में नंबर वन का दर्जा दिया है. स्कूल में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकार के साथ-साथ जेबीटी शिक्षक राजेश की भी अहम भूमिका है. अपने पिता मुंशीराम के निधन के बाद शिक्षक ने अपनी पूरी पेंशन स्कूल में निवेश करने का फैसला किया और उनके प्रयासों से आज यह सरकारी स्कूल आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है.

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अध्यापक राजेश ने कही ये बात

अध्यापक राजेश ने बताया कि उनके पिता मुंशीराम सेना में थे, सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने एक बैंक में गार्ड की नौकरी की. उनकी मृत्यु के बाद उन्होंने पिता की पेंशन को सरकारी स्कूल में निवेश करने का फैसला किया. वह हर साल अपने पिता की पुण्य तिथि पर स्कूल में एक कार्यक्रम आयोजित करते हैं और अपनी पूरी पेंशन पूंजी स्कूल में निवेश करते हैं. सरकार के साथ मिलकर वह स्कूल में निवेश कर बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं.

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