हरियाणा में धान उत्पादक किसानों के लिए बुरी खबर, मंडी में फसल ले जाने से पहले पढ़ लें ये न्यूज़

करनाल | धान उत्पादक किसानों के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है. यदि आप भी मंडी में धान की फसल लेकर जा रहें हैं तो पहले इस खबर को ध्यान से पढ़ लें. बता दें कि केंद्र सरकार ने 1200 डालर प्रति मीट्रिक टन से कम कीमत वाले चावल निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखने का फैसला लिया है. इस फैसले के विरोध में हरियाणा राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के साथ- साथ पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित देशभर के चावल निर्यातकों ने बासमती व उससे संबंधित किस्मों के धान की खरीद से हाथ खींच लिए हैं.

Dhan Paddy Mandi

बता दे अब इन किस्मों के धान की खरीद को ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही, हरियाणा स्टेट अनाज मडी आढ़ती एसोसिएशन ने भी बारीक धान की खरीद न करने का ऐलान कर दिया है.

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हरियाणा राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रधान सुशील जैन ने बताया कि ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नाथीराम गुप्ता की मौजूदगी में हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश राइस एक्सपोर्ट एसोसिएएशन के पदाधिकारियों के बीच हुई बैठक में सोमवार से बासमती व उसकी श्रेणी में आने वाली 1509, 1718, 1121, पूसी पीबी-1 आदि बारीक धान की खरीद को फिलहाल निलंबित करने का निर्णय लिया गया है.

उन्होंने बताया कि 25 अगस्त को केंद्र सरकार ने बासमती चावल निर्यात की सीमा कम से कम 1200 डालर प्रति मीट्रिक टन तय कर दी थी. जबकि भारत से औसतन 850 से 900 डालर प्रति टन के चावल ही विदेशों में निर्यात होते हैं.

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सुशील जैन ने बताया कि उनके नेतृत्व में ही वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से हुई मुलाकात के दौरान उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया गया था और उन्होंने इसे कम करने का भरोसा भी दिया था लेकिन केन्द्र सरकार ने 14 अक्टूबर को आदेश जारी कर 1200 डालर प्रति टन की सीमा को बरकरार रखा है. इस फैसले से बासमती चावल निर्यातकों में भारी रोष बना हुआ है और उन्होंने खरीद को निलंबित कर दिया है.

प्रधान ने बताया कि सोमवार से बासमती व उसकी अन्य किस्मों के धान की खरीद नहीं होगी. इसमें हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन, हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन भी उनके साथ खड़ी हैं. इधर, रविवार को हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन रजनीश ने भी आढ़तियों को पत्र जारी करके बारीक धान नहीं खरीदने को कहा है.

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1509 धान की नही हुई बिक्री

बता दें कि हरियाणा में 1509 किस्म के धान की लगभग 70 फीसदी फसल मंडियों में पहुंच चुकी है लेकिन अब बची हुई 30 प्रतिशत फसल पर खरीद का संकट खड़ा हो गया है. करनाल मंडी में रविवार को 1509 धान की करीब 20 हजार बोरी आवक हुई लेकिन खरीद नहीं हुई. अब आगे 1121 किस्म का धान मंडियों में आना शुरू हो जाएगा.

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