चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वाहन चालकों को जाम से निजात दिलाने की दिशा में कई नए एक्सप्रेसवे और हाइवे का जाल बिछा रही है. इसी कड़ी में राजस्थान के अलवर में हरियाणा सीमा पर स्थित पनियाला मोड़ से लेकर बड़ौदामेव तक बनने वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा.
इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण संबंधी तमाम शिकायतें दूर हो गई है. 86 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से ना केवल हरियाणा बल्कि जम्मू- कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ से आने वाले वाहनों को दिल्ली में एंट्री करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
इन राज्यों के लोग इस सड़क मार्ग की बदौलत सीधे दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ जाएंगे. इससे ना केवल मुंबई जाने में समय की बचत होगी बल्कि ईंधन भी बचेगा. पनियाला मोड़-बड़ौदामेव एक्सप्रेसवे से दिल्ली को भी फायदा होगा क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी को ट्रैफिक दबाव से मुक्ति मिलेगी.
गौरतलब है कि हरियाणा के नारनौल से पनियाला मोड़ तक हाईवे बना हुआ है. इस एक्सप्रेसवे को NH-148 B का नाम दिया गया है. इसके बन जाने से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर से आने वाले वाहन अंबाला से सीधा राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 152D से नारनौल होते हुए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस मार्ग पर पहुंच जाएंगे. इस एक्सप्रेसवे के बनने से अलवर के साथ ही राजस्थान के सीकर, झुंझुनू, भरतपुर और करौली को भी फायदा होगा और इन क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे.
यह रहेगा रूट
हरियाणा बॉर्डर के पास पनियावाला मोड़ से शुरू होकर यह एक्सप्रेसवे कोटपुतली, बानसूर, मुंडावर, किशनगढ़ बास, अलवर, रामगढ़-लक्ष्मणगढ़ होते हुए बड़ौदामेव में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा. इस एक्सप्रेसवे के लिए 56 गांवों की जमीन को अधिग्रहित किया गया है. यह एक्सप्रेसवे जिन क्षेत्रों से गुजरेगा, वहां उद्योग की रफ्तार बढ़ेगी और हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
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