ज्योतिष | शारदीय नवरात्रि अब अपने अंतिम दौर में है. वैसे तो साल के 365 दिन ही भक्तों पर माता रानी की कृपा बनी रहती है, परंतु नवरात्रि के दौरान मां की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसे भी बहुत से लोग ऐसे है जो पूरे 9 दिन माता रानी की पूजा अर्चना नहीं करते, परंतु वे सभी अंतिम तीन दिन यानी की सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दिन ही अनुष्ठान करते हैं. ऐसा करने पर ही उन्हें माता रानी का आशीर्वाद मिल जाता है. आज की इस खबर में हम आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है.
आज बन रहे हैं कई दुर्लभ संयोग
उज्जैन के ज्योतिष आचार्य अमर त्रिवेदी डब्बावाला की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि 22 तारीख यानि आज स्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस दिन नवरात्रि की महाष्टमी भी पड़ रही है, इस योग में विशेष कर साधना, उपासना या अनुष्ठान करके यदि आप किसी कार्य की शुरुआत करेंगे तो निश्चित रूप से आप उसमें सफलता मिलेगी. स्वार्थ सिद्धि योग में राजसूय एवं सापतिक अनुष्ठान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. धन और यश की प्राप्ति के लिए राजसूय अनुष्ठान किया जाता है.
इस प्रकार करें कन्या पूजन
वही नवरात्रों के अंतिम दिनों में कन्या पूजा की बात की जाए, तो नौ कन्याओं व तीन बटुक को भोजन करवाने की मान्यता बताई गई है. जानकारी दी गई है कि आपको 4 साल से लेकर 10 साल की आयु वाली कन्याओं को ही भोजन करवाना चाहिए क्योंकि माता रानी की प्रियता इस उम्र की कन्याओं में ही विशेष होती है. कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को उपहार के स्वरूप कुछ ऐसी वस्तु दे, जो उनके काम आए. माता स्वरूप कन्याओं को किताबें, चुन्नी, वस्त्र, लिखने- पढ़ने का सामान आदि आप दे सकते हैं.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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