नई दिल्ली | राजधानी में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए DMRC ने मेट्रो के फेरे बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. बुधवार से दिल्ली मेट्रो सामान्य से ज्यादा फेरे लगाएगी, लेकिन डीएमआरसी ने अभी यह तय नहीं किया है कि वह कितने फेरे बढ़ाएगी. प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने डीएमआरसी को एनसीआर में जीआरएपी के दूसरे चरण के तहत मेट्रो फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का निर्देश दिया है ताकि लोग निजी वाहन छोड़कर मेट्रो में ज्यादा सफर कर सकें.
67 लाख से ज्यादा यात्रियों ने की यात्राए
फिलहाल स्थिति यह है कि सुबह और शाम के व्यस्त समय में मेट्रो में काफी भीड़ रहती है. इस वजह से यात्रियों को मेट्रो में जगह नहीं मिल पा रही है. इस वजह से भी मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है. इन दिनों मेट्रो में यात्रियों की भीड़ भी बढ़ गई है. बता दे पिछले सप्ताह रविवार और शनिवार को छोड़कर हर कार्य दिवस पर मेट्रो में 67 लाख से ज्यादा यात्रियों ने यात्राए की हैं.
मेट्रो हर दिन लगा रही 4200 फेरे
डीएमआरसी का कहना है कि पिछले साल जब सीएक्यूएम ने ग्रेप-2 लागू किया तो मेट्रो की 71 ट्रिप बढ़ गईं है. इसके बाद, मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ने पर भी डीएमआरसी ने स्वत: ही मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ा दी है. इसलिए पिछले एक साल में मेट्रो के 230 फेरे बढ़ाए गए हैं. इसके चलते फिलहाल मेट्रो हर दिन 4200 फेरे लगा रही है. इस बार सीएक्यूएम द्वारा दिए गए निर्देशों के मद्देनजर मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का विकल्प तलाशा जा रहा है. मंगलवार को विजयदशमी के कारण छुट्टी है. इससे मेट्रो में यात्रियों की भीड़ कम होगी. फिर बुधवार से मेट्रो के फेरे बढ़ाए जाएंगे.
ये तीन लाइनें सबसे व्यस्त
येलो लाइन, ब्लू लाइन और रेड लाइन दिल्ली मेट्रो के सबसे व्यस्त कॉरिडोर हैं. फिर भी इन तीन गलियारों के कुछ हिस्सों पर, पीक आवर्स के दौरान आवृत्ति 4 मिनट से अधिक है. इसलिए मेट्रो यात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी भी संभव है. ऐसे में यहां ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है.
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