चंडीगढ़ | हरियाणा में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है. सम्पूर्ण इलाके में सुबह के समय गुलाबी मीठी ठंड अपना रंग दिखाने लगी है. उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर लगातार एक के बाद एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मैदानी राज्यों तापमान में उतार चढाव और मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है.
मैदानी राज्यों में तापमान में हो रही गिरावट
दरअसल, जब कमजोर पश्चिमी विक्षोभ आते हैं तो हवाओं की दिशा पश्चिमी होती है, जिसकी वजह से पर्वतीय क्षेत्रों पर बर्फबारी और मैदानी राज्यों में बादल वाही और तापमान में हल्की बढ़त देखने को मिलती है. इस कारण मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाती है तो हवाओं की दिशा हिमाच्छादित शिखरों की तरफ से उत्तरी होने से मैदानी राज्यों में तापमान में गिरावट दर्ज होती है.
मौसम विभाग के मुताबिक, वर्तमान परिदृश्य में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से पाकिस्तान पर एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन बना हुआ है. साथ ही, राजस्थान पर एक मजबूत प्रति चक्रवातीय सरकुलेशन बना हुआ है जिसकी वजह से मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ और पाकिस्तान पर बना हुआ. चक्रवातीय सरकुलेशन कमजोर हो गया है, जिसके असर से इस मौसम प्रणाली को अरब सागर से प्रचुर मात्रा में नमी नहीं मिल पा रही है.
चिंता में किसान
मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर दिल्ली पर आंशिक बादलवाही ही देखने को मिल रही है. आसमान पर बादलवाही से किसान में चिंता और असमंजस की स्थिति बनी हुई है क्योंकि हरियाणा में किसान सरसों की बिजाई कर चुके है और गेहूं की बिजाई शुरू की हुई है. मौसम विभाग का कहना है कि वह अपने कृषि कार्यों को बेझिझक और निर्भय होकर करते रहे.
मौसम का ताजा पूर्वानुमान
आने वाला एक सप्ताह तक मौसम शुष्क बना रहेगा हालांकि बीच- बीच में आंशिक बादल वाही देखने को मिलेगी. जैसे ही वर्तमान मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा एनसीआर दिल्ली से आगे निकल जाएगी दिन और रात के तापमान में और गिरावट दर्ज होगी. मौसम का ताजा पूर्वानुमान मौसम आमतौर पर 4 नवंबर तक खुश्क रहने की संभावना है.
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