अब ट्रेनें 90 की बजाय 130 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी, रेलवे ने बनाया ये मास्टर प्लान

अंबाला | आने वाले समय में अंबाला रेल मंडल के सभी सेक्शन पर ट्रेनें 90 की बजाय 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती नजर आएंगी. इससे यात्रियों का समय बचेगा और उनकी यात्रा भी सुरक्षित रहेगी. इसके लिए अंबाला रेल मंडल ने योजना तैयार कर ली है. इस योजना के तहत अंबाला मंडल के अंतर्गत विभिन्न रेलवे खंडों पर रेलवे फाटक बंद कर दिए जाएंगे.

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इस पर रेलवे ओवरब्रिज और रेलवे अंडरब्रिज (आरयूबी) का निर्माण किया जाएगा. 840 करोड़ रुपये की इस योजना को दो से तीन साल के बीच पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. अंबाला रेलवे मंडल ने इस प्रस्तावित योजना की रूपरेखा तैयार करना शुरू कर दिया है. इसके लिए कुछ रेलवे फाटकों को चिह्नित करने की तैयारी की जा रही है.

ये गेट रहेंगे बंद

अंबाला डिवीजन के अंतर्गत आने वाले 42 गेट बंद होने हैं. इनमें से 22 रोड ओवर ब्रिज बनाए जाने हैं. इसमें सहारनपुर- अंबाला सेक्शन में दो गेट, अंबाला- लुधियाना सेक्शन में चार गेट, बठिंडा- श्री गंगा नगर सेक्शन में दो गेट, जाखल- हिसार सेक्शन में एक गेट, लुधियाना- धुरी सेक्शन में दो गेट, राजपुरा- बठिंडा में तीन गेट शामिल हैं. दिल्ली- अंबाला- कालका सेक्शन में तीन गेट, सहारनपुर- टपरी सेक्शन में एक गेट, कालका- शिमला सेक्शन में चार गेट हैं.

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इसके अलावा, 20 अंडर पास बनाए जाने हैं. इसमें सहारनपुर- अंबाला सेक्शन में दो गेट, अंबाला- लुधियाना सेक्शन में तीन गेट, बठिंडा- श्री गंगा नगर सेक्शन में तीन गेट, जाखल- हिसार सेक्शन में एक गेट, लुधियाना- धुरी सेक्शन में छह गेट, राजपुरा- बठिंडा में 1 गेट शामिल है. हालाँकि, दिल्ली- अंबाला- कालका खंड में एक द्वार है और सरहिंद- अंब अंदौरा खंड में तीन द्वार हैं.

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अम्बाला मंडल पांच राज्यों की अहम कड़ी

अम्बाला रेल मंडल 5 राज्यों को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है. पूरे मंडल में 135 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं और 2201.49 किमी का रेलवे ट्रैक नेटवर्क है. विश्व धरोहर कालका- शिमला रेलवे सेक्शन अंबाला मंडल की विशेष पहचान है, इस पूरे खंड पर 102 सुरंगें हैं. मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों से प्रतिदिन 2 करोड़ से अधिक यात्री आवागमन करते हैं. इसमें जगाधरी, पटियाला, सरहिंद, राजपुरा समेत पांच प्रमुख रेलवे स्टेशन अंबाला कैंट, सहारनपुर, बठिंडा, कालका और चंडीगढ़ शामिल हैं. संभाग के अंतर्गत 50 से अधिक आरक्षण केंद्र है. कर्मचारियों की संख्या भी 13 हजार से ज्यादा है.

257 रेलवे फाटक हुए बंद

बता दें कि वर्ष 2014 तक अंबाला रेलवे मंडल में 589 रेलवे फाटक चालू थे और ट्रेनों की सुरक्षित आवाजाही के लिए यहां दो से तीन कर्मचारी तैनात थे, लेकिन रेलवे ने इनमें से 257 रेलवे फाटकों को बंद कर आरओबी और आरयूबी का निर्माण कर दिया है. इससे ट्रेनों की गति बढ़ गई है और यात्रियों का समय भी बच रहा है. इसी का नतीजा है कि अंब अंदौरा से नई दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का सुरक्षित संचालन रेलवे फाटकों को बंद करके हासिल किया गया है.

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अधिकारी ने कही ये बात

अगले दो- तीन साल में 42 रेलवे फाटकों को बंद करने का लक्ष्य रखा गया है. यहां भी लोगों की आवाजाही के लिए पुल बनाए जाएंगे. इस पर करीब 840 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वर्ष 2014 तक 279 रेलवे फाटकों को बंद कर आरओबी एवं आरयूबी में परिवर्तित कर दिया गया है- मनदीप सिंह भाटिया, डीआरएम, अंबाला डिवीजन

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