पलवल | कुंडली- मानेसर- पलवल (KMP) के साथ ऑर्बिट रेल कॉरिडोर के खंड ए पर काम जल्द ही शुरू होगा. केएमपी के पटौदी रोड टोल प्लाजा के पास सेक्शन- ए का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए 3 नवंबर को भूमिपूजन होगा. इस परियोजना से पलवल और सोनीपत सीधे रेल मार्ग से जुड़ जाएंगे. एक बार जब यह रेलवे सोहना और मानेसर से जुड़ जाएगा, तो गुरुग्राम में रहने वाले लोगों के लिए पलवल और सोनीपत की ओर यात्रा करना आसान हो जाएगा.
हजारों यात्रियों को होगा फायदा
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुक्रवार को जिले के केएमपी के पटौदी रोड टोल प्लाजा के पास सेक्शन ए के निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह में पहुंचेंगे. भूमि पूजन समारोह की तैयारियां तेज कर दी गई हैं. बुधवार को अधिकारियों ने तैयारियों का जायजा लिया और गुरुवार तक सभी तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश दिए गए.
29 किलोमीटर में होंगे पांच स्टेशन
पलवल- मानेसर- सोनीपत रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है. सेक्शन- ए प्रोजेक्ट में झज्जर जिले के धुलावट से बाढ़सा तक 29.5 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत डबल लाइन बनाई जाएगी. इस खंड में पांच स्टेशनों धुलावट, चंदला डूंगरवास, पंचगांव, मानेसर और न्यू पाटली का प्रावधान किया गया है.
साथ ही, इस रेल मार्ग पर डबल स्टैक कंटेनर चलने से औद्योगिक विकास में तेजी आने की उम्मीद है. इस रेलवे लाइन पर करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी. वहीं, पलवल- सोनीपत रेल मार्ग भी दो स्थानों पर भारतीय रेलवे से जुड़ जाएगा, जिसमें दिल्ली- रेवाड़ी रेल लाइन और गढ़ी हरसरू- फर्रुखनगर रेल लाइन शामिल हैं. इस रेल मार्ग को डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर से भी जोड़ा जाएगा.
तेजी से होगा निर्माण कार्य
रेल कॉरिडोर के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर और आसपास के जिलों को भी काफी फायदा मिलेगा. इससे बुनियादी ढांचे का पूर्ण विकास होगा. निर्माण कार्य तेजी से हो इसका ध्यान रखा जाए- प्रवीण यादव, उद्यमी, उद्योग विहार
मनोज जैन ने कही ये बात
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!रेल कॉरिडोर विकसित होता है तो माल ढुलाई के मामले में स्थिति सकारात्मक रूप से बदलेगी. इससे औद्योगिक माल परिवहन में तेजी आएगी और यह काफी सस्ता हो जाएगा. फिलहाल अभी गुड़गांव स्थित औद्योगिक क्षेत्रों को माल परिवहन के लिए दूसरे विकल्प अपनाने पड़ रहे हैं- मनोज जैन, आईएमटी मानेसर