नई दिल्ली | केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को बड़ी राहत सरकार ने दी है. केंद्र सरकार ने देश के 100 शहरों में 500 स्थानों पर एक अभियान शुरू किया है. 1 नवंबर से शुरू हुआ यह अभियान 30 नवंबर तक चलेगा. सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह अभियान 17 पेंशन वितरण करने वाले बैंकों, मंत्रालयों और विभागों, पेंशनभोगी कल्याण संघों, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, यूआईडीएआई के सहयोग से 50 लाख पेंशनभोगियों को लक्ष्य करके शुरू किया गया है.
2014 में डीएलसी जमा करने की शुरू की व्यवस्था
आपको बता दें कि सरकार ने साल 2014 में बायोमेट्रिक डिवाइस से डीएलसी जमा करने की व्यवस्था शुरू की थी. इसके बाद, आधार डेटाबेस पर आधारित चेहरा प्रमाणीकरण प्रौद्योगिकी प्रणाली विकसित करने के लिए काम किया गया, जिससे किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन की मदद से जीवन प्रमाण पत्र जमा करना संभव हो गया.
पढ़े सरकार का मकसद
दरअसल, केंद्र सरकार जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के डिजिटल तरीकों का लाभ पेंशनभोगियों, विशेषकर देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले अति वरिष्ठ, बीमार, विकलांग पेंशनभोगियों तक पहुंचाना चाहती है. जिन स्थानों पर डोरस्टेप बैंकिंग सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, वहां बैंक शाखाओं को सौंपे गए कर्मचारियों को एंड्रॉइड फोन से लैस किया जा रहा है ताकि जब पेंशनभोगी जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए शाखा में जाएं तो इस तकनीक का उपयोग किया जा सके.
इसके साथ ही, बैंक कर्मचारियों को बेहद बीमार पेंशनभोगियों के घर जाने के लिए कहा जा सकता है जो बिस्तर से उठने में असमर्थ हैं ताकि वे अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकें. इसके अलावा, पेंशनरों को बिना किसी देरी के अपनी डीएलसी जमा करवाने के लिए शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए.
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