झज्जर | हरियाणा में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय पर अपनी 24 घंटे की हड़ताल समाप्त कर दी है और हड़ताल को 10 नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा की है. ग्रामीण सफाई कर्मचारी 10 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं. बता दें कि आज हड़ताल का 26वां दिन है. अब सफाई कर्मचारियों ने मांगे पूरी ना होने को लेकर नया प्लान तैयार किया है.
जिला सचिव ने सरकार पर साधा निशाना
झज्जर में पड़ाव को संबोधित करते हुए ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के जिला सचिव संदीप कुमार मारौत ने कहा कि हरियाणा में 2007 से 11 हजार सफाई कर्मचारी कच्चे कर्मचारी के रूप में काम करके शोषण और बेगार का शिकार हो रहे हैं लेकिन पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 1,08,848 ग्रामीण सफाई कर्मचारी स्थायी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं.
आंदोलन होगा और तेज
आगे कहा कि हरियाणा में सिर्फ 15 हजार रुपये वेतन दिया जाता है जबकि उत्तर प्रदेश में करीब 40 हजार रुपये वेतन दिया जाता है. यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष सुनील ने कहा कि सीटू ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगी और अंतिम सांस तक इस शोषण के खिलाफ लड़ती रहेगी और हड़ताल जारी रहेगी तथा इस आंदोलन को व्यापक बनाया जायेगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था ठप
सरकार की हठधर्मिता व उदासीनता को देखते हुए प्रदेश के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने प्रदेशव्यापी हड़ताल को 10 नवंबर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है. संदीप कुमार मारौत ने कहा कि दिवाली के त्योहार पर समाज का हर वर्ग साफ- सफाई का ध्यान रखता है. हरियाणा सरकार की हठधर्मिता के कारण पिछले 24 दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था ठप है.
सरपंचों का किया जाएगा समर्थन
संघ के जिला प्रधान नरेश लाडायन ने कहा कि महर्षि वाल्मिकी जयंती पर 1 हजार रुपये बढ़ाकर सफाई कर्मचारियों के साथ मजाक किया है. मारौत ने कहा कि 5 नवंबर को टोहाना में सरपंच एसोसिएशन हरियाणा द्वारा आयोजित होने वाली रैली में प्रदेश के ग्रामीण सफाई कर्मचारी बढ़- चढ़कर भाग लेंगे और सरपंच एसोसिएशन का समर्थन भी करेंगे, क्योंकि सरपंच और उनकी एसोसिएशन मांगों का समर्थन कर रही है और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का आंदोलन भी समर्थन कर रहा है.
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