चंडीगढ़ | हरियाणा में अब शव लेकर रोड़ जाम या धरना- प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे. इसके लिए राज्य सरकार ‘हरियाणा मृत शरीर का सम्मान विधेयक 2023’ लाने जा रही है. इसके बनने पर सार्वजनिक जगहों पर शव के साथ प्रदर्शन करने पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा. शव के साथ प्रदर्शन करने पर सजा के साथ जुर्माने का भी प्रावधान होगा.
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश सरकार इस विधेयक को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है. गौरतलब है कि हरियाणा के विभिन्न जिलों में आए दिन शव रखकर सड़क पर जाम लगाने व विरोध- प्रदर्शन करने की घटनाएं देखने को मिलती हैं. 2 दिन पहले हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर के शव को लेकर प्रदेशभर में बसों का पहिया जाम किया गया था. इससे पहले, भिवानी में भी हत्या के एक मामले शव को सड़क पर रख कर विरोध जताया गया था. लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाओं के बाद गृह विभाग ने इस विधेयक पर काम करना शुरू कर दिया है.
एक साल की सजा व 50 हजार रूपए जुर्माना
परिजनों को शव का समय पर अंतिम संस्कार करना होगा. यदि वह ऐसा नहीं करते और शव के साथ प्रदर्शन करते हैं तो एक साल तक सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है. यदि कोई संगठन या अन्य लोग प्रदर्शन में साथ देते हैं तो उन पर भी कार्रवाई का प्रावधान होगा. विरोध की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने में यह कानून कारगार साबित होगा, क्योंकि यह कानून मृतक के शरीर की गरिमा सुनिश्चित करता हैं.
प्रशासन करेगा अंतिम संस्कार
यदि परिजन शव नहीं लेते हैं और विरोध- प्रदर्शन पर अड़े रहते है तो अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी. स्थानीय SHO को लगता है कि शव का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शन के लिए हो सकता है तो वह इसकी जानकारी डीएसपी को देगा. डीएसपी आगामी कार्रवाई के लिए एसडीएम को सूचित करेंगे.
इसके बाद, एसडीएम व डीएसपी मिलकर परिजनों से सम्पर्क कर अंतिम संस्कार के लिए आग्रह करेंगे. यदि परिजन नहीं मानते हैं तो जिला प्रशासन 12 घंटे के भीतर शव का अंतिम संस्कार करेगा. हरियाणा के पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी इस तरह का कानून बन चुका है.
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