चंडीगढ़ । हरियाणा में पंचायत चुनावों की तारीखों की घोषणा होने से पूर्व ही 23 फरवरी 2021 तक सभी सरपंचों से उनकी शक्तियां छीन कर प्रशासक की नियुक्ति करने के हरियाणा सरकार के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है और जवाब की मांग की है. देवेंद्र सिंह और अन्य ने मिलकर हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की है.
याचिका दायर करने वाले देवेंद्र सिंह और अन्य के अनुसार प्रावधान के अनुसार हमेशा पंचायत चुनाव के ऐलान के पश्चात ही सरपंच को अपना पद छोड़ना होता है. लोगों को पंचायत से बहुत से कार्य होते हैं और यदि पंचायत पहले ही भंग हो गई तो लोगों को प्रशासक के पास छोटे-मोटे कार्यों के लिए जाना पड़ेगा. प्रशासक बीडीओ होता है. बीडीओ के अधीन सैकड़ों गांव होते हैं. ऐसी स्थिति में यह संभव नहीं हो सकेगा कि बीडीओ सभी लोगों के कार्य को कर सके. अब पंचायती चुनाव कब होंगे यह तो निश्चित नहीं है तो फिर गांव के विकास को किस प्रकार अनिश्चित काल के लिए विराम दिया जा सकता है.
हरियाणा सरकार के पंचायत भंग करने के फैसले पर अंकुश लगाने की मांग
याचिका में कहा गया है कि देश का विकास गांव के विकास से ही होता है. यदि गांव का ही विकास रुक गया तो फिर पूरे देश का विकास रुक जाएगा. याचिका कर्ता ने हाईकोर्ट से हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए इस आदेश पर अंकुश लगाने की मांग की है. साथ-साथ याचिकाकर्ता ने कहा है कि 23 फरवरी को पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और ऐसी स्थिति में जब तक चुनाव की तिथियां घोषित नहीं हो जाती तब तक पंचायतों के कार्यों में किसी भी प्रकार की बाधा ना डाली जाए. अब हाईकोर्ट ने दायर की गई याचिका को गंभीरतापूर्वक लेते हुए हरियाणा सरकार के साथ-साथ कई अन्य को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है.
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