हरियाणा में बीच सत्र पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की होगी स्कूल वापसी, शिक्षा विभाग ने बनाई ख़ास योजना

चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार बीच सत्र पढ़ाई छोड़कर जाने वाले बच्चों की फिर से स्कूल वापसी को लेकर मुस्तैद हो गई है. नए सत्र से ड्राप आउट बच्चों को स्कूलों में वापस एडमिशन दिलाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक योजना बनाई है जिसके तहत शिक्षा विभाग का 9 दिवसीय सर्वे सोमवार से शुरू होगा. सर्वे के दौरान शिक्षक और वालंटियर घर- घर जाकर शिक्षा छोड़ चुके बच्चों का डाटा तैयार करेंगें और इस दौरान ज्यादा फोकस श्रमिक और प्रवासी मजदूरों के परिवारों पर रहेगा.

School Holiday

शिक्षा विभाग की महानिदेशक आशिमा बराड़ ने जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शैक्षणिक सत्र 2024- 25 के लिए स्कूल न जाने वाले और ड्राप आउट बच्चों की पहचान करने के लिए सर्वे किया जाएगा. लिहाजा, स्कूल स्तर पर शिक्षक और वालंटियर घर- घर जाकर सात से 14 आयु वर्ग और 15 से 19 आयु वर्ग के बच्चों का डाटा तैयार करेंगे.

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शिक्षा विभाग का मानना है कि बच्चों का स्कूलों में सौ प्रतिशत नामांकन का लक्ष्य हासिल नहीं कर पा रहे हैं. अभी भी बहुत से बच्चे शिक्षा की डगर नहीं पकड़ पा रहे हैं. अलबत्ता शिक्षण ग्रहण न करने वाली श्रेणी के बच्चों की पहचान जरूरी है. इनमें प्रमुख रूप से SC/ ST वर्ग के साथ सड़क पर रहने वाले बच्चे, भिखारी, अनाथ, बेघर, प्रवासी और आदिवासी समूहों के बच्चे शामिल हैं.

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सर्वे का शेड्यूल

  • स्कूल लेवल: 20 से 28 नवंबर एजुकेशन वालंटियर घर-घर जाकर करेंगे सर्वे.
  • कलस्टर लेवल : 29 से 30 नवंबर कलस्टर स्तर पर स्कूलों की भेजी रिपोर्ट होगी कंपाइल.
  • ब्लाक लेवल : 1 से 2 दिसंबर कलस्टर रिपोर्ट को कंपाइल करे जिला मुख्यालय भेजना.
  • जिला लेवल : 4 से 5 दिसंबर सभी ब्लाकों की रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजना.

ग्राम पंचायत और सामाजिक संस्थाओं के साथ बनाएंगे समन्वय

शिक्षा महानिदेशक की ओर से जारी पत्र में विद्यालय प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ड्राप आउट सर्वे के लिए ग्राम पंचायत और सामाजिक संस्थाओं के साथ समन्वय बैठक करेंगे और शैक्षिक स्वयंसेवकों और गांव स्तर पर काम करने वाली सामाजिक संस्था के साथ मिलकर ड्राप आउट बच्चों के स्थानों को चिह्नित किया जाएगा.

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सर्वे में शिक्षकों की भी भागीदारी अहम रहेगी. अहम पहलू यह है कि शिक्षक व शैक्षिक स्वयं सेवकों द्वारा एकत्रित किए गए ड्राप आउट बच्चों का डाटा सरपंच या फिर विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा सत्यापित किया जाएगा.

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