सिरसा । हरियाणा सरकार गांव के बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को आगे बढ़ाने के लिए एक नई पहल शुरू कर रही है.सरकार अब स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ साथ गांव के युवाओं के लिए लिए भी बेहतर प्लेटफार्म स्थापित हो सकें, इसके लिए गांव में पुस्तकालय बनाने पर जोर दें रहीं हैं. ताकि गांवों के बच्चे भी किसी भी तरह के कम्पिटीशन के लिए अच्छी तरह से अपनी तैयारी कर सकें.
इसके लिए गांव की आबादी 10000 होनी चाहिए. पुस्तकालय में सभी तरह की परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें पढ़ने को मिल सकें, इसके लिए सरकार का पुरा प्रयास रहेगा। इसके लिए जमीन गांव की तरफ से उपलब्ध करानी होगी. प्रत्येक पुस्तकालय पर 5 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. बिल्डिंग बनने के बाद उसमें जरुरत के सभी सामग्री जैसे फर्नीचर, पुस्तकें ,पंखे, पीने के पानी की व्यवस्था इत्यादि प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी. उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारी सुरजीत चौधरी ने बताया कि हमने सिरसा जिले के 21 स्कूलों को चिह्नित किया है. जल्द ही वहां पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. प्रत्येक पुस्तकालय में 20 युवाओं के बैठने की जगह होगी.
लाइब्रेरी में पुस्तकों के साथ साथ वाई फाई की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी जिससे बच्चों को इ-किताब पढ़ने में भी आसानी हो. प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियों के लिए बच्चों को पहले शहरों के पुस्तकालयों का रुख करना पड़ता था लेकिन अब यह सुविधा गांव में होने से निश्चित तौर पर उन्हें लाभ होगा .
इन गांवों के नाम हुए हैं फाइनल-
उच्चतर शिक्षा निदेशालय की टीम ने आज कई स्कूलों का निरीक्षण किया. जिसमें राजकीय स्कूलों के अंदर पुस्तकालय खोलने के लिए जगह फाइनल कर दी गई है. इनमें राजकीय स्कूल अबबू शहर, बाजेकां, बणी, देसूजोधा, डिंग, जमाल, जोधंका, खारियां, कोटली, माधोसिंघाना, मल्लेका, मंगला, पन्नीवाला मोटा, शाहपुर बेगू, तलवाड़ा खुर्द, शाहपुर बेगू, गंगा, रोडी, चौटाला, डबवाली, ऐलनाबाद, कालांवाली, जीवन नगर, ओढ़ा व चौपटा स्कूल शामिल है.
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