गुरुग्राम | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और गुरुग्राम के बीच सफर को आसान बनाने के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य किया जा रहा है. बता दें कि केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य इसी साल के आखिर तक पूरा होने का दावा किया था लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है. न केवल गुरुग्राम बल्कि दिल्ली में भी कई हिस्सों पर निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है.
यदि गुरुग्राम में निर्माण कार्य पूरा भी हो जाता है तो भी कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि दिल्ली में कार्य अधूरा होने की वजह से इस एक्सप्रेसवे पर वाहन आगे नहीं बढ़ पाएंगे. वहीं, जानकारों का कहना है कि यदि दिल्ली इलाके में फिलहाल द्वारका एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम भाग को नजफगढ़- बिजवासन रोड़ से जोड़ दिया जाए तो वाहन आगे निकल जाएंगे.
चार भागों में बांटा गया है प्रोजेक्ट
बता दें कि दिल्ली- गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से वाहनों का दबाव कम करने के लिए खेड़कीदौला टोल प्लाजा से लेकर दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने तक द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है. इस प्रोजेक्ट के दो भाग गुरुग्राम तो दो भाग दिल्ली क्षेत्र में है. कुछ महीने पहले द्वारका एक्सप्रेसवे के निरीक्षण के दौरान केन्द्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया था कि गुरुग्राम इलाके में मई महीने में एक्सप्रेसवे को चालू कर दिया जाएगा जबकि पूरे एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य इस साल के आखिर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था.
इन जगहों पर चल रहा है निर्माण कार्य
द्वारका एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम हिस्से के अधूरे कार्यों की बात करें तो अभी धनवापुर के सामने अंडरपास का निर्माण पूरा होने में समय लगेगा. वहीं, दौलताबाद के सामने भी निर्माण कार्य चल रहा है. सेक्टर- 106 के सामने भी निर्माण कार्य अधूरा है. जब तक दिल्ली हिस्से में निर्माण कार्य पूरा नहीं होता है तब तक गुरुग्राम भाग का निर्माण कार्य पूरा होने पर भी फायदा नहीं होगा.
प्रोजेक्ट की खासियतें
- इस एक्सप्रेसवे का 23 किलोमीटर भाग एलिवेटेड और लगभग चार किलोमीटर भूमिगत (टनल) होगा.
- दिल्ली एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए द्वारका इलाके में 3.6 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है.
- द्वारका एक्सप्रेसवे का एलिवेटेड हिस्सा सिंगल पिलर के ऊपर बनाया जा रहा है.
- 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल हाेने का अनुमान है जो बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक है.
- दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल होगा, जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक होगा.
10 लाख लोगों को पहुंचेगा सीधा फायदा
द्वारका एक्सप्रेसवे को दिल्ली- गुरुग्राम एक्सप्रेसवे एवं सदर्न पेरिफेरल रोड़ (एसपीआर) से जोड़ने के लिए खेड़कीदौला के नजदीक फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर का निर्माण किया गया है. एसपीआर एक तरफ जहां गुरुग्राम- फरीदाबाद रोड़ से जुड़ा है. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली- गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से जुड़ा है. इस एक्सप्रेसवे के चालू होने पर दिल्ली- गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से ट्रैफिक दबाव 40% तक कम हो जाएगा, जिससे 10 लाख लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा.
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