नूंह | हरियाणा के नूंह जिले के मांडीखेड़ा गांव के किसानों ने किसान उत्पादक समूह (FPO) बनाकर सब्जी की फसल से अच्छा मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है. पॉली हाउस में खीरे की फसल लगाकर किसान सभी खर्चे आदि काटकर एक एकड़ से लगभग 8 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहा है. खीरे की फसल के अलावा चेरी टमाटर, टमाटर, शिमला मिर्च, तरबूज आदि फसलें उगाई जा रही हैं.
इस तरह करते हैं खेती
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस स्थान पर पॉलीहाउस लगाया गया है वहां ताजा पानी नहीं है लेकिन किसानों ने पानी का उपयोग करके इन फसलों को खरीदकर और उगाकर दिखाया है. इस फसल में सिंचाई ड्रिप या स्प्रिंकलर प्रणाली से की जाती है. अतः इस सिंचाई में सामान्य सिंचाई की तुलना में कम पानी की आवश्यकता होती है, जिससे किसानों के सपने साकार होते नजर आ रहे हैं.
अच्छा कमा रहे किसान मुनाफा
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. दीन मोहम्मद का कहना है कि किसान को करीब 10 रुपये प्रति किलो का भाव मिलने पर 8 लाख रुपये का मुनाफा होता है, लेकिन इस बार किसान को खीरे का भाव 15- 20 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा है. सबसे खास बात यह है कि किसान समूह बनाकर सब्जी की फसल उगाते हैं और इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है.
इसके अलावा, किसान बैंगन की खेती से अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. इसे पॉलीहाउस की बजाय खुले में लगाया जाता है. पॉलीहाउस के माध्यम से साल में खीरे की चार फसलें ली जा रही हैं. इसमें विदेशी खीरा भी शामिल है जिसे चाइनीज खीरा भी कहा जाता है. इसका उत्पादन किया जा रहा है. पॉलीहाउस में उगाए गए खीरे की पैदावार के साथ- साथ गुणवत्ता भी अच्छी होती है और इस बार किसानों को दाम भी अच्छे मिल रहे है.
एनसीआर से लोग आते हैं यहां
नूंह जिले के मांडीखेड़ा गांव के पॉलीहाउस में उगाई जाने वाली खीरे आदि सब्जियों की एनसीआर के बाजारों में अच्छी मांग है. बड़ी कंपनियों से जुड़े खरीदार पॉलीहाउस में ही सब्जियां खरीदने आते हैं. पारंपरिक खेती को छोड़कर नूंह जिले के किसान किसान उत्पादक समूह बनाकर अपनी आय बढ़ाने में जुट गए हैं. केंद्र और राज्य सरकारें भी किसानों की आय बढ़ाने पर काफी जोर दे रही हैं. इन एफपीओ के जरिए सरकार और किसानों का सपना साकार होता दिख रहा है.
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