चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने ग्राम पंचायतों को फिर झटका दिया है. सिंचाई विभाग के अन्तर्गत आने वाली नहरों व माइनरों के साथ लगती पटरियों पर यदि ग्राम पंचायतें यहां पर किसी किसान के खेत में जाने के लिए इसे पक्का करती हैं, तो उसे अब एनओसी के लिए 10 गुणा ज्यादा भुगतान करना होगा. यानि पहले जो फीस 10 हजार रूपए होती थी वहां अब 1 लाख रूपए का भुगतान करना पड़ेगा.
सिंचाई विभाग की ओर से जो नहरें बनाई जाती हैं. उसके साथ ही, लोगों के आवागमन के लिए पटरियां भी बनाई जाती हैं. इन पटरियों के साथ ही किसानों के खेत लगे होते हैं और ग्राम पंचायतों पर कई बार यह दबाव बनता है कि मिट्टी वाली इन पटरियों को पक्का करवाया जाए ताकि वाहनों के आवागमन के लिए किसी तरह की परेशानी न झेलनी पड़े.
इसके लिए ग्राम पंचायतों को सिंचाई विभाग से इन पटरियों पर टाइलें बिछाने या इसे पक्का करने के लिए एनओसी लेनी पड़ती है. एनओसी मिलने के बाद ही ग्राम पंचायतें यहां पर नहर के साथ बनी मिट्टी की इन पटरियों को पक्का कर सकती हैं. ग्राम पंचायतों को यह एनओसी ग्राम पंचायत से होने वाली आमदनी से ही लेनी होती है. सरकारी बजट का प्रयोग इसके लिए नहीं किया जा सकता है.
ऐसे में जहां पहले 10 हजार रूपए में एनओसी मिल जाती थी लेकिन 1 लाख रूपए देकर एनओसी लेना पंचायतों के बस की बात नहीं होगी और नहरी पटरियों पर काम प्रभावित होंगे. ऐसे में सिंचाई विभाग के इस फैसले से ग्राम पंचायतों की परेशानी बढ़ गई है. हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष बैठक में यह बात रखी गई है और उन्होंने जल्द इस मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया है.
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