गुरुग्राम | प्राकृतिक आपदा से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क दुघर्टना होने पर लोगों की जिंदगी बचाना अब आसान होगा. आपदा वाली जगह पर मात्र 40 मिनट में सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस पोर्टेबल अस्पताल तैयार हो जाएगा. दुनिया के पहले पोर्टेबल अस्पताल आरोग्य मैत्री ऐड क्यूब का दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरूग्राम में अनावरण किया गया है. इसे भीष्म परियोजना के अंतर्गत स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है.
इमरजेंसी इलाज की सुविधा
इसमें पहले से तैयार आपदा प्रबंधन और सहायता प्रणाली है, जिसमें एक- दूसरे से अलग किए जा सकने वाले 72 बॉक्स लगाए गए है. इस अस्पताल में गोली से घायल होने, जलने, सिर, पीठ और छाती पर चोट लगने, हड्डी टूटने और बहुत ज्यादा खून बहने से उत्पन्न स्थिति का इलाज किया जा सकता है.
इस अस्पताल में छोटा ऑपरेशन किया जा सकता है. इस अस्पताल में एक साथ कम से कम 200 रोगियों का उपचार हो सकता है. ये बॉक्स हल्के और छोटे है और इन्हें कहीं भी लगाया जा सकता है. आपातकालीन स्थिति में इन्हें आकाश से जमीन पर गिराया जा सकता है.
आपदा आने के कुछ घंटों के भीतर यानि गोल्डन आवर्स में इलाज न मिलने से ही अधिकतर लोग अपनी जान गंवा देते है. यदि तत्काल इलाज शुरू हो जाए तो काफी जान बचाई जा सकती है. ऐसे मुश्किल समय में ये पोर्टेबल अस्पताल आपदा में फंसे लोगों के लिए किसी संजीवनी- बूटी से कम नहीं होगा.
सभी आवश्यक मेडिकल सुविधाएं होगी
इस पोर्टेबल अस्पताल को 72 बॉक्स (क्यूब) को जोड़कर डिजाइन किया जा सकेगा. प्रत्येक क्यूब का वजन लगभग 20 किलो होगा. इससे सभी क्यूब को एक साथ कहीं भी हेलीकाप्टर या जहाज से उठाकर ले जाना आसान होगा. क्यूब के साथ ही एक्स- रे मशीन, MRI, वेंटिलेंटर, पावर जेनरेटर सहित सभी आवश्यक सुविधाएं जुड़ी होंगी.
क्यूब्स को जोड़कर पोर्टेबल अस्पताल बनाने की ट्रेनिंग गुरुग्राम विश्वविद्यालय में दी जाएगी. केंद्र सरकार चाहती है कि भारत के इस कंसेप्ट का लाभ पूरी दुनिया को मिले. जो देश लाभ उठाने की इच्छा जाहिर करेंगे, उन देशों के कुछ लोगोें को पहले गुरुग्राम विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग दी जाएगी.
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