हरियाणा में 9 दिसंबर को हड़ताल पर रहेंगे सरकारी अस्पतालों के डाक्टर, ये है 4 प्रमुख मांगे

चंडीगढ़| हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने वाले आमजन की परेशानी बढ़ने वाली है क्योंकि सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों ने अपनी 9 दिसंबर को होने वाली पेन डाउन हड़ताल को जारी रखने का फैसला लिया है. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (HCMS) एसोसिएशन ने सरकार के प्रमोशन ऑफर को ठुकरा दिया है. एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रमोशन मेडिकल ऑफिसर का अधिकार है और सरकार को उनकी मांगों पर विचार करना ही होगा. इससे कम पर कोई भी समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा.

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बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुपमा सहित शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में एसोसिएशन को बातचीत के लिए बुलाया गया था. इस दौरान डाक्टरों की मांगों पर चर्चा की गई लेकिन सरकार की ओर से उन्हें स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों के लिए बॉन्ड राशि को छोड़कर उनकी प्रमुख मांगों पर शीर्ष अधिकारियों से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया.

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विभाग ने भेजा प्रमोशन का प्रस्ताव

इधर स्वास्थ्य विभाग ने 100 मेडिकल ऑफिसर (MO) को सीनियर के रूप में प्रमोशन करने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है. हरियाणा में फिलहाल एसएमओ के 126 पद खाली हैं. अधिकारियों का कहना है कि 26 और एमओ के प्रमोशन के लिए एक और प्रस्ताव भेजा जाएगा.

हालांकि, हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने इसे नाकाफी बताया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया का कहना है कि फिलहाल हम 9 दिसंबर को पेन- डाउन हड़ताल के अपने पिछले आह्वान पर आगे बढ़ने की योजना बना रहे हैं.

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एसोसिएशन की ये 4 प्रमुख मांगें

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की ओर से चार प्रमुख मांगे रखी गई हैं. इनमें डॉक्टरों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर का गठन, गतिशील सुनिश्चित कैरियर प्रगति (ACP) योजना लागू हो, SMO की सीधी भर्ती पर तुरंत रोक लगाई जाए और पीजी के लिए बॉन्ड राशि 1 करोड़ से 50 लाख किए जाने की मांग शामिल है.

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प्रमोशन को लेकर दिया ये तर्क

एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि SMO की सीधी भर्ती से एमओ की पदोन्नति में रुकावट आ रही है. उसका मानना है कि यदि सीधे तौर पर भर्ती किए जाने वाले एसएमओ को खत्म कर दिया जाए तो एमओ को अधिक पदोन्नति मिलेगी. एसोसिएशन का कहना है कि नियमों में संशोधन करने की जरूरत है ताकि ऐसी एसएमओ भर्तियों की प्रथा को स्थायी रूप से बंद किया जा सके. उन्होंने बताया कि 95% से अधिक कैडर अपनी पूरी सेवा के दौरान केवल एक पदोन्नति MO से एसएमओ तक के साथ सेवानिवृत्त होते हैं.

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