नई दिल्ली | केंद्रीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड (CBSE) अपने ग्रेडिंग सिस्टम में बदलाव करने जा रहा है. आपको बता दें कि अब 10वीं और 12वीं की मार्कशीट पर परसेंटेज नहीं बल्कि सिर्फ ग्रेड प्वाइंट्स मिलेंगे. अब 10वीं और 12वीं की परीक्षा के रिजल्ट में परसेंटेज यानी एग्रीगेट मार्क्स जारी नहीं किए जाएंगे व अगले साल से रिजल्ट के साथ डिवीजन (फर्स्ट, सेकंड, थर्ड डिवीजन) और डिस्टिंक्शन भी जारी नहीं किए जाएंगे. अब रिजल्ट में सिर्फ CGPA (कम्युलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज) यानी ग्रेड प्वाइंट्स ही दिए जाएंगे.
खत्म होगा ट्रेडिशनल ग्रेडिंग सिस्टम
रिजल्ट से परसेंटेज हटाए जाने के निर्णय पर CBSE के एग्जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने बताया कि ऐसा करने से ट्रेडिशनल ग्रेडिंग सिस्टम की समाप्ति होगी. अब हम सभी सब्जेक्ट्स के अंकों को जोड़कर परसेंटेज निकालकर रिजल्ट कैलकुलेट करने की अपेक्षा हर सब्जेक्ट में स्टूडेंट ने कैसा परफॉर्म किया है इस पर फोकस करना चाहते हैं. इसका अर्थ ये है कि ओवरऑल परसेंटेज की बजाय अब हर सब्जेक्ट के लिए अलग- अलग ग्रेड दिए जाएंगे और उनके एवरेज से सीजीपीए की गणना की जाएगी. एक जैसे ग्रेडिंग सिस्टम होने से एडमिशन देने वाले इंस्टीट्यूट्स के लिए भी सरलता होगी.
कई बार आ चुकी है रिक्वेस्ट
किसी भी इंस्टीट्यूट को मेरिट लिस्ट बनाने के लिए परसेंटेज को किसी भी और यूनिट में नहीं बदलना होगा. यदि किसी स्टूडेंट ने 5 से ज्यादा विषय लिए हो और इंस्टीट्यूट में एडमिशन प्रोसेस के लिए परसेंटेज होना अनिवार्य है तो स्टूडेंट के चुने गए सब्जेक्ट्स में से बेस्ट ऑफ फाइव सब्जेक्ट्स चुनकर उस ग्रेड पर एडमिशन देने की जिम्मेदारी इंस्टीट्यूट की रहेंगी. संयम भारद्वाज न कहा कि हमारे पास कई बार बोर्ड एग्जाम में रिजल्ट जारी करने के लिए परसेंटेज कैलकुलेट करने का काइटेरिया बताने और इसमें चेंज करने की रिक्वेस्ट आ चुकी है. ऐसे में हमने यह निर्णय लिया है.
क्या होता है CGPA?
अगर आपको नहीं पता कि सीजीपीए क्या होता है तो आपको बता दें कि इसका मतलब कम्युलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज होता है. प्रत्येक विषय के लिए विद्यार्थी का एक जीपीए कैलकुलेट किया जाता है. यें GPA इंटरनल टेस्ट के बेस पर दिया जाता है. रेंज ऑफ़ मार्क्स मार्क्स के अनुसरण ग्रेड प्वाइंट्स मिलते हैं. एकेडमिक एक्सपर्ट्स ने सीबीएसई के इस फैसले को सही कहा है. फरीदाबाद के मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर संयोगिता शर्मा ने इस फैसले की सराहना करते हुए बताया कि ऐसा करने से बच्चों पर रिजल्ट और अच्छा परफॉर्म करने का तनाव कम होगा.
ओवरऑल लर्निंग पर ध्यान देंगे स्टूडेंट
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, एनईपी 2020 के तहत भी हम इसी लक्ष्य पर काम कर रहे है कि बच्चों के लिए पढ़ाई को पहले से ज्यादा मजेदार और आसान किया जा सके. परीक्षा और रिजल्ट का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहन प्रभाव पड़ता है. ऐसे में ये एक पॉजिटिव फैसला है. इससे अब स्टूडेंट्स सिर्फ माक्र्स के पीछे नहीं भागेगे, बल्कि ओवर ऑल लर्निंग पर भी ध्यान दे पाएंगे.
बोर्ड का कहना है कि यदि हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट या नौकरी के लिए एंप्लॉयर छात्रों के मार्क्स के परसेंटेज जानना चाहते हैं, तो वे खुद ही सीजीपीए कैलकुलेट करके उसका परसेंटेज निकाल पाएंगे. जीपीए कैलकुलेट करने के लिए टॉप 5 सब्जेक्ट के ग्रेड पॉइंट्स का प्रयोग किया जाएगा.
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