फतेहाबाद | कहते हैं अपने माता- पिता के सपनों को पूरा करना एक औलाद की सबसे बड़ी चाहत होती है और मां- बाप के लिए भी इससे बढ़कर कोई खुशी नहीं होती है कि उनकी औलाद कामयाबी के रास्ते पर चलें. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है फतेहाबाद जिले के गांव बनावाली के उमंग भीचर ने, जिन्होंने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने जिले का नाम रोशन किया है.
पिता से मिली आगे बढ़ने की प्रेरणा
इंडियन आर्मी में सूबेदार के पद से रिटायर पिता मैनपाल से देशसेवा की प्रेरणा लेते हुए उमंग भीचर ने शुरूआत से ही NDA की परीक्षा को पास करने की ठान ली थी और देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी में शनिवार को पासिंग आउट परेड में उन्होंने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट की जिम्मेदारी संभाली. इस मौके पर उनके पिता समेत परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे. बेटे की कामयाबी पर सबकी आंखों में ख़ुशी के आंसू थे.
सपना हुआ पूरा
बेटे उमंग के लेफ्टिनेंट बनने की खुशी जाहिर करते हुए पिता मैनपाल ने बताया कि उनके पिता मुंशी राम भी अंग्रेजी शासन के दौरान सेना में थे. मेरा सपना था कि दोनों बेटे सेना में अफसर बनें और देशसेवा करें और आज ये सपना पूरा हो गया है. छोटा बेटा निलेश भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर कार्यरत हैं और अब बड़ा बेटा भी लेफ्टिनेंट बन गया है. उन्होंने बताया कि ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि एक फौजी के दोनों बेटे सेना में ऑफिसर रैंक पर नियुक्त पाते हैं.
पिता मैनपाल ने बताया कि दोनों बेटे उमंग और निलेश की पहली से पांचवीं तक की प्रारंभिक शिक्षा आर्मी स्कूल अहमदनगर, महाराष्ट्र और अमृतसर से पूरी हुई है. इसके बाद, दोनों ने कक्षा छठी से बारहवीं तक की शिक्षा सैनिक स्कूल, कुंजपुरा से हासिल की. बाद में उमंग ने हिसार के डीएन कालेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. उसके बाद जनवरी 2019 में देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी ज्वाइन कर लेफ्टिनेंट बनने का गौरव हासिल किया है.
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