ज्योतिष | सनातन धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है. इस साल की आखिरी अमावस्या 12 दिसंबर को पड़ने वाली है. यह अमावस्या (Amavasya) इस वजह से भी काफी खास हो जाती है क्योंकि यह मंगलवार के दिन पड़ रही है. इसी वजह से इस अमावस्या को भौमवाती अमावस्या के रूप में भी मनाया जाएगा. अगर इस दिन आप विधि विधान तरीके से हनुमान जी की पूजा करते हैं, तो आपको सभी कष्टो से छुटकारा मिल जाता है. साथ ही, पितरों की पूजा करने से आपको पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. आज हम आपको इसी बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.
12 दिसंबर को इस साल की आखिरी अमावस्या
भौमवाती अमावस्या के दिन गंगा स्नान के साथ- साथ दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना करने का महत्व बताया गया है. यदि आप हनुमान जी को उड़हुल का फूल अर्पित करते हैं तो उनकी कृपा आपके परिवार पर बनी रहती है. इसके साथ ही, इस दिन वट वृक्ष में फेरी लगाने का भी विशेष महत्व है और गंगा के तट पर स्नान करके भक्तों को सत्यनारायण भगवान की कथा अवश्य सुननी चाहिए.
इस प्रकार करें पितरों को प्रसन्न
यदि आप किसी भी कारणवश गंगा के तट पर स्नान करने के लिए नहीं जा पाए, तो आप अपने घर में ही गंगाजल की कुछ बंदे पानी में डालकर स्नान कर सकते हैं ऐसा करने से भी आपको गंगा स्नान का लाभ मिलेगा. इस दिन ब्राह्मण, साधु, सन्यासी को भोजन करवाना भी काफी अच्छा माना जाता है ऐसा करने से आपको यज्ञ के बराबर का फल प्राप्त होता है. अमावस्या तिथि के दिन पितरो को याद किया जाता है और उनकी पूजा अर्चना की जाती है, जिससे वह हमारे परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखे.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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