चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार (Manohar Govt) ने कामकाजी महिलाओं को जोर का झटका धीरे से दिया है. प्रदेश सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित क्रेच सेंटरों में बच्चों को रखने पर फीस वसूलने का फैसला लिया है. बता दें कि कुछ समय पहले कामकाजी महिलाओं के 6 महीने से 6 साल आयु वर्ग के बच्चों के उचित संवर्धन और विकास के लिए स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य में क्रेच सेंटर खोले गए थे.
महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने मासिक फीस तय करने के पीछे तर्क देते हुए कहा कि इससे सेंटरों में समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस शुल्क को जमा करने के लिए संबंधित जिला प्रोग्राम अधिकारी के नाम पर बैंक अकाउंट ओपन किया जाएगा.
इस उपयोग में खर्च होगी फीस
महिला एवं बाल विकास विभाग निदेशक द्वारा जारी पत्र में क्रेच सेंटरों को नियमित रूप से चलाने के लिए फीस के प्रयोग करने का उल्लेख किया गया है. सेंटरों में साफ- सफाई, रजिस्टर, स्टेशनरी, गैस चूल्हा, सिलेंडर भरवाने, पेपर, ओढ़ने व बिछाने की चादर, बच्चों के लिए तोलिए, फिनाइल, झाड़ू, साबुन, हैंडवाश, पौचा, बल्ब लाइट, टॉयलेट व बाथरूम क्लीनर जैसे सामान पर खर्च के लिए इस फीस का इस्तेमाल किया जाएगा.
वहीं, क्रेच सेंटरों से ली जानी वाली फीस का ब्योरा रखने के लिए कमेटी गठित की जाएगी. यह कमेटी हर महीने निदेशालय को क्रेच सेंटरों से फीस के रूप में आने वाली राशि और खर्च का ब्योरा देगी. फिलहाल, हरियाणा प्रदेश में 183 क्रेच सेंटर संचालित है और इनमें अब परिवार पहचान पत्र में दर्शाई गई फैमिली आय के अनुसार 50 रूपए से 1 हजार रूपए तक की मंथली फीस बच्चों के माता-पिता से लेने का आदेश जारी किया गया है.
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