पंचकुला । मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश के अति गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान को लेकर बेहद गंभीर हैं. मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के सबसे करीब एक लाख परिवारों की आमदनी सालाना ₹1 लाख तक करने का संकल्प किया है. सोमवार को सिविल सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में यह संकल्प दोहराते हुए अधिकारियों से कहा कि वह इस कार्य में तेजी लाएं.
इस योजना के तहत एक लाख परिवारों की आमदनी बढ़ाई जाएगी
मुख्यमंत्री द्वारा अपने ड्रीम प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा गया कि यह प्रोजेक्ट अति गरीब एक लाख परिवारों को योजना का लाभ देने के लिएहै, वह खुद आगे आने वाले नहीं है, बल्कि सरकार को एक पहल करनी पड़ेगी. यह गरीब लोग किसी झुग्गी, झोपड़ी या मलिन बस्तियों में रहने वाले हो सकते हैं. उन तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए खुद सरकार को उनके पास पहुंचना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग पहले से रोजगार पर है. हमें उन्हें इस योजना में शामिल नहीं करना है, बल्कि जो परिवार नई नौकरी ढूंढ रहा है. उन एक लाख परिवारों की आमदनी बढ़ानी है. हमारा लक्ष्य सबको काम देना है. एक लाख गरीब परिवारों की आमदनी बढ़ाने के बाद अगले एक लाख के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा. ऐसे करके यह क्रम चलता रहेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि गरीब परिवारों की पहचान, परिवार पहचान पत्र के सर्वे के माध्यम से की जा सकेगी. यह सर्वे लोकल कमेटियों के द्वारा किया जाएगा.
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राज नेहरू को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े, कम पढ़े लिखे व अन्य कारणों से पिछड़े ऐसे परिवारों के लिए रोजगार की उपलब्धता के लिए आवश्यक कोर्स तैयार करने के लिए कहा गया है. बता दें कि इन परिवारों के योग्य युवा, महिलाएं व अन्य को कौशल विकास योजना के तहत कोर्स करवाकर परिवारों की आमदनी बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे परिवार इन कोर्सों के लिए खुद आवेदन नहीं करने वाले बल्कि उनके पास जाकर उनका आवेदन भी करवाना है. ताकि इन परिवारों का आर्थिक स्तर भी ऊपर उठ सके.
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