चंडीगढ़ | हरियाणा में साल 2018 की भर्ती में ग्रुप डी के 18 हजार से ज्यादा पदों पर चुने गए हैं उन कर्मचारियों को जल्द ही अपने विभाग और पद को बदलने का अवसर दिया जाएगा, जो अपनी मौजूदा नौकरी से ख़ुश नहीं है. इसके लिए उन्हें पोर्टल पर अपनी पसंद और नापसंद के पदों की जानकारी दर्ज करनी होगी. मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) में कुल खाली पदों में से महज 80 प्रतिशत पदों पर नियुक्त के लिए विचार किया जाएगा जबकि बाकी 20 प्रतिशत पद विभाग और पद के अनुसार गणना के आधार पर भरे जाएंगे.
मानव संसाधन विभाग ने जारी किया पत्र
मानव संसाधन विभाग की तरफ से इस बारे में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को पत्र जारी कर दिया गया है. ट्रांसफर ड्राइव में ग्रुप डी अधिनियम के लागू होने के बाद नियुक्त और हरियाणा सरकार के किसी भी विभाग में ड्यूटी कर रहे सभी ग्रुप डी कर्मचारी भाग लेने के लिए योग्य है. जो कर्मचारी अपना स्टेशन या पद बदलना चाहते हैं, उन्हें पोर्टल पर ऑनलाइन हिस्सा लेना होगा. तय तिथि के बाद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और आवेदन करने में विफल कर्मचारी पात्र नहीं समझा जाएगा. कुछ कर्मचारियों को उनके होम टाउन से दूरदराज के इलाकों पर ड्यूटी दी गई है, जिस वजह से वे अपनी ड्यूटी अच्छी तरह से नहीं कर पा रहे थे.
कर्मचारी प्राथमिकता के आधार पर चुनेंगे 3 जिले
उनकी समस्या की तरफ ध्यान देते हुए प्रदेश सरकार ने कॉमन काडर के सभी ग्रुप डी कर्मचारियों को उनके होम टाउन के नजदीक कार्यालय में नियुक्ति देने और उन पदों पर समायोजित करने की योजना बनाई है. जिन पर कर्मचारी नियुक्ति के लिए स्वयं को सही नहीं समझते हैं. ट्रांसफर अभियान में कर्मचारी जो तीन जिले चुनेंगा उसे उनमें से किसी एक में प्राथमिकता के आधार पर स्थानांतरित करने की कोशिश की जाएगी. उन पदों पर नियुक्ति नहीं दी जाएगी जिन पर वह काम करने के इच्छुक नहीं हैं.
हालांकि, यह गारंटी नहीं दी जा सकती कि कर्मचारी को अपनी पसंद का स्टेशन ही मिलेगा या वह उन पदों से बच पाएगा जो वह अपने लिए उपयुक्त नहीं समझता है.
यह कर्मचारी विभाग बदलने के लिए नहीं होंगे पात्र
आपको बता दें कि सफाई कर्मचारी, चौकीदार और सफाई कर्मचारी- सह- चौकीदार पद या विभाग बदलने के पात्र नहीं होंगे. इसी तरह किसी भी सांविधिक निकाय, बोर्ड, निगम, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, संवैधानिक निकाय में ड्यूटी दें रहे ग्रुप डी कर्मचारी इस अभियान में भाग लेने के पात्र नहीं हैं. स्थानांतरण अभियान में हिस्सा लेने के लिए आधार या पीपीपी भी अनिवार्य रहेगा. कर्मचारी दिए गए पोर्टल पर अवांछित पदों को इंगित करते हुए पसंदीदा जिलों को प्राथमिकता प्रदान करेंगे.
इन कर्मचारियों को करना होगा इंतजार
विभागाध्यक्ष एचआरएमएस या निर्दिष्ट पोर्टल का इस्तेमाल करके हर जिले और विभाग में रिक्त पदों की सटीक संख्या पेश करेंगे. इसके बाद, कर्मचारियों को उनकी पसंद और उपलब्ध पदों के आधार पर नए पद या जिले सौंप दिए जायेंगे. फिलहाल, उन कर्मचारियों कों अभी ट्रांसफर के लिए प्रतीक्षा करनी होगी जिन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में केस दायर किया है. फिलहाल जो आदेश है उसके मुताबिक ये कर्मचारी तब तक अभियान के लिए पात्र नहीं होंगे, जब तक अदालत का अगला आदेश जारी नहीं हो जाता.
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