हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शुरू होंगे हैल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम, इन 11 बिंदुओं पर रहेगा फोकस

चंडीगढ़ | हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयुष्मान भारत के तहत जल्द ही हैल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इस कार्यक्रम में एंबेसेडर और मैसेंजर की भूमिका स्कूलों में देखने को मिलेगी. कक्षा 6 से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स को इस अभियान में शामिल किया जाएगा.

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इन 11 बिंदुओं पर रहेगा फोकस

पाठ्यक्रम में स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना, प्रजनन, स्वास्थ्य एवं एचआईवी की रोकथाम, पोषण स्वास्थ्य और स्वच्छता, पदार्थ के दुरुपयोग की रोकथाम और प्रबंधन, भावनात्मक कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य, पारस्परिक संबंध में स्वास्थ्य बढ़ाना, जेंडर समानता, चोटों से सुरक्षा, इंटरनेट और सोशल मीडिया से सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना आदि प्रमुख बिंदु शामिल किए जाएंगे.

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प्रत्येक स्कूल के अंदर दो शिक्षकों को हेल्प एंबेसडर बनाया गया है. छात्र के बीमार पड़ने की जानकारी मैसेंजर एंबेसडर यानि शिक्षक को देंगे ताकि बच्चों को समय पर बेहतर इलाज मिल सकें. फिलहाल, जिले के 150 स्कूलों के शिक्षकों को नागरिक अस्पताल नारनौल में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

ये गतिविधियां होगी आयोजित

स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत, प्रत्येक स्कूल से दो अध्यापकों (एक महिला व एक पुरूष) को हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर बनाया गया है. इन्हें स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा देने और रोगों के रोकथाम के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर हर हफ्ते एक घंटा रोचक गतिविधियों के माध्यम से सत्र आयोजित करेंगे.

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प्रत्येक कक्षा से दो नामित छात्र स्वास्थ्य सम्बंधित संदेशों को समाज तक पहुंचाने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस मैसेंजर के रूप में कार्य करेंगे. स्कूल में प्रत्येक बुधवार को हेल्थ एंड वेलनेस- डे कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

आयरन की गोलियां दी जाएगी

  • एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत, बच्चों को एनिमिया या इससे होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए साप्ताहिक आयरन फॉलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. प्राथमिक विद्यालयों में 5 से 9 साल के बच्चों को सप्ताह में एक बार (बुधवार), मध्याह्न भोजन के उपरांत शिक्षकों के द्वारा आयरन की गुलाबी गोली का सेवन कराना सुनिश्चित किया जाएगा.
  • माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 10-19 साल के किशोर-किशोरियों क सप्ताह में एक बार सुबह प्रार्थना के बाद शिक्षकों के द्वारा आयरन की नीली गोली का सेवन करवाया जाएगा.
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