हिसार | आदमपुर क्षेत्र से एक नवजात शिशु के 10 फ़ीट गहरे कुईं में गिरने का चौकाने वाला मामला सामने आया है. गावँ की ही एक गर्भवती महिला की शौचालय में ही अकस्मात डिलीवरी हो गयी और नवजात शिशु खुली हुई 10 फ़ीट गहरी कुईं में गिर गयी. नवजात शिशु को कुई से बाहर निकलने में 8 घण्टे का समय लग गया. लेकिन, राहत की बात यह है कि नवजात शिशु को सही सलामत ज़िंदा कुईं से बाहर निकाल लिया गया.
एसएल मिंडा मेमोरियल में हुआ इलाज़
फिर आनन फानन में कुईं से निकली गयी नवजात को एसएल मिंडा हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया. 4 दिन तक बच्ची का हॉस्पिटल में इलाज चला. पांचवें दिन मंगलवार को वह बच्ची अपने गाँव अपने घर पहुंची. आदमपुर खंड के गाँव बगला में स्थित एसएल मिंडा हॉस्पिटल की टीम ने अपनी कार्यकुशलता का परिचय देते हुये बच्ची की जान बचाई, जो निःसंदेह सराहनीय है.
परिवारजनो की प्रतिक्रिया
बच्ची को सही सलामत देख कर परिवार जन और गाँव के अन्य लोग बहुत प्रसन्न हुए. बच्ची के दादा और दादी ने उसकी आरती उतार कर उसका स्वागत किया. इस घटना को विस्तार से बताते हुए बच्ची के दादा ने बताया कि उनकी बहू 28 अगस्त को सुबह लगभग 5-6 बजे शौच के लिए शौचालय में गयी थी. तभी उनकी बहू की अकस्मात डिलीवरी हो गयी और शिशु का जन्म हो गया. तभी अचानक शिशु कुईं में गिर गयी जो करीब 10 फ़ीट गहरी थी. जब शिशु की माँ होश में आई तो उसने सारी बात अपने परिवार के सदस्यों को बताई.
फिर आस पास के लोग इक्कठे हो गये. कुईं को तोड़ कर बच्ची को बाहर निकाला गया. किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि बच्ची सही सलामत होगी. लेकिन, बच्ची के कुछ हरकत नज़र आई तो उसे जल्द से जल्द एसएल मिंडा हॉस्पिटल में ले जाया गया. वहाँ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मीनू गोयल व उनकी टीम ने मिल कर बच्ची का इलाज़ किया और अपनी कार्यकुशलता का प्रमाण दिया. 10 घण्टे बाद बच्ची को होश आया. धीरे- धीरे बच्ची की हालत में सुधार आता गया और 4 दिन के इलाज के बाद पांचवे दिन उसे अपने गाँव अपने घर लाया गया.
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