गुरुग्राम में इस दिन मनेगी साल की पहली दिवाली, पूरा शहर होगा रोशनी से जगमग; पढ़े ख़ास बात

गुरुग्राम | हरियाणा के हर जिलों में साल की दूसरी दिवाली मनाई जा रही है. इसी क्रम में 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के दिन गुरुग्राम राम को समर्पित हो जाएगा. कार्यक्रम का न केवल शहर के 100 से अधिक मंदिरों में बड़ी स्क्रीन और एलईडी के जरिए सीधा प्रसारण किया जाएगा, बल्कि दिवाली की तरह मंदिर और घर रंग- बिरंगी रोशनी से जगमगाएंगे. इस दिन मंदिरों और घरों में भी दीपक जलाए जाएंगे.

Diwali Dhanteras

हर घर में होगी दिवाली

दूसरी ओर शहर में अक्षत कलश यात्रा निकालने की योजना बनायी गयी है. मंदिरों और घरों को सजाया जाएगा, कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर कार्यवाह एडवोकेट संजीव सैनी का कहना है कि समाज के जागरूक लोगों की जिम्मेदारी है कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन हर घर में दिवाली मनाएं और हर मंदिर में उत्सव मनाएं.

1 से 15 जनवरी तक तीन लाख घरों में श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या में पूजन किए गए अक्षत सहित राम मंदिर के पत्रक और फोटो वितरित किए जाएंगे. इसके लिए टीमें गठित कर काम किया जा रहा है. शहर के 100 से ज्यादा बड़े मंदिरों को सजाया जाएगा और दीप जलाए जाएंगे.

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का होगा सीधा प्रसारण

मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा. इसके लिए जल्द ही मंदिर समितियों के साथ बैठकें शुरू होंगी. मंदिरों में भजन, कीर्तन, हवन, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ और सामूहिक आरती आदि कार्यक्रम भी होंगे. लोगों से अपने घरों को रंग- बिरंगी लाइटों से सजाने और दीये जलाने के लिए भी कहा जा रहा है.

घर- घर होगा वितरण

अयोध्या में अभिषेक से पहले 1 जनवरी से अक्षत वितरण किया जाएगा. इसके लिए गुरुग्राम को 186 हिस्सों में बांटा गया है. 9 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक अक्षत बांटेंगे. प्रत्येक भाग में 6 से 7 समूह अक्षत वितरित करेंगे और प्रत्येक समूह में 5 से 10 स्वयंसेवक शामिल होंगे. अक्षत वितरण से पहले शहर में कलश यात्रा निकाली जाएगी. इसकी भी तैयारी चल रही है.

अक्षत की है बहुत मान्यता

सेक्टर- 21, नीम की प्याऊ स्थित शिव मंदिर के पुजारी आचार्य रितेश पांडे ने बताया कि चावल यानी अक्षत का अर्थ है जो कभी क्षय न हो. पूजा में अक्षत इसलिए चढ़ाया जाता है ताकि भगवान की पूजा के लिए हमारी जो भी संकल्पित इच्छा हो, वह पूर्ण रूप से प्राप्त हो सके और हमें अखंडता प्राप्त हो. अक्षत को शुद्ध अन्न माना जाता है. इसके पीछे कारण यह है कि धान के अंदर चावल बंद रहता है, जिसे पशु- पक्षी नष्ट नहीं कर पाते. यह भी माना जाता है कि अगर पूजा की सामग्री न हो तो चावल उसकी भरपाई कर देता है.

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