नई दिल्ली | केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में देशभर में नए हाइवे और एक्सप्रेसवे का जाल बिछा रही है. देश के पांच राज्यों हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र तक निर्माणाधीन दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे इसका जीता-जागता उदाहरण है. इस एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से मुंबई तक का सफर न केवल बेहद आसान बनेगा, बल्कि दिनों की दूरी घंटों में सिमट जाएगी. इस एक्सप्रेसवे की बदौलत दिल्ली से जयपुर आप महज दो घंटे में पहुंचेंगे.
हालांकि, इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अभी तक 100 प्रतिशत पूरा नहीं हो पाया है लेकिन दिल्ली से राजस्थान के कुछ हिस्सों तक वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है. इस एक्सप्रेसवे के रास्ते में जंगल और नदी भी आ रही है. ऐसे में वन्य प्राणियों का जीवन इस एक्सप्रेसवे से किसी भी तरह से प्रभावित न हो, इसके लिए पांच एनिमल ओवरपास भी बनाए जा रहे हैं. इनकी लंबाई 500- 500 मीटर है.
ऊपर से गुजरेंगे जंगली जीव
इस एक्सप्रेसवे के राजस्थान के बूंदी इलाके में साढ़े 3 Km हिस्से में पांच एनिमल ओवरपास का निर्माण किया गया है. यह इलाका सवाई माधोपुर जिले के रणथम्भौर टाइगर रिजर्व को बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व से जोड़ता है. ये एक्सप्रेसवे इन दोनों जगहों के नजदीक से होकर गुजर रहा है और ये दोनों इलाके ही इको सेंसेटिव जोन में आते हैं. एक्सप्रेसवे की वजह से वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर खतरा पैदा न हो और उनके स्वच्छंद विचरण में किसी तरह की कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसके लिए एनिमल ओवरपास का निर्माण किया जा रहा है.
रफ्तार नहीं होगी प्रभावित
इन इलाकों में जमीन को खोदकर नीचे से सुरंगनुमा रास्ता बना दिया गया है और ऊपर से इसे मिट्टी से कवर किया गया है. इस पर पेड़- पौधे लगाएं जाएंगे ताकि इसे हूबहू जंगल का रूप दिया जा सके. इन आर्टिफिशियल सुरंगों का डिजाइन और निर्माण 120 km प्रति घंटा वाहनों की रफ्तार को ध्यान में रखकर किया गया है.
एनिमल ओवरपास के नीचे आठ लेन का एक्सप्रेसवे बनाया गया है. वहीं, एनिमल ओवरपास के दोनों और ऊंची दीवारें बनाई गई है ताकि वन्य प्राणी नीचे एक्सप्रेसवे पर न आ सके. इसके अलावा, एक्सप्रेसवे पर हवा और रोशनी के लिए एनिमल ओवरपास पर 50- 250 मीटर तक जगह छोड़ी गई है.
चंबल नदी पर पुल बनाना चुनौती
दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे के कोटा- सवाई- माधोपुर खंड के रास्ते में चंबल नदी पड़ती है और इस नदी पर पुल बनाना किसी चुनौती से कम नहीं रहा है. हालांकि, पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है और कुछ दिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे का काम पूरा होने पर कोटा और सवाई माधोपुर से जयपुर, अलवर, दिल्ली, मुंबई, उज्जैन और रतलाम सहित कई शहरों का सफर मात्र कुछ ही घंटों में तय हो सकेगा. वहीं, सवाई माधोपुर से दिल्ली 3 घंटे में और मुंबई का सफर नौ घंटे में पूरा होगा.
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