पानीपत | बिहार की राजधानी पटना के वेटनरी कालेज ग्राउंड में बिहार डेयरी एंड कैटल एक्सपो (Bihar Dairy and Cattle Expo) का आयोजन किया गया. वैसे तो यहां कई राज्यों से एक से बढ़कर एक पालतू पशु पहुंचे थे, लेकिन जब इस मेले में हरियाणा का गोलू भैंसा पहुंचा तो देखने वाले बस देखते ही रह गए. मात्र 6 साल का 10 करोड़ी गोलू- 2 भैंसा इस एक्सपो में सभी के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था.
पटना में 10 करोड़ का भैंसा
कैटल एक्सपो में हरियाणा के पानीपत से पहुंचे गोलू के आगे किसी दूसरे पशु पर लोगों का ध्यान ही नहीं जा रहा था. कद- काठी और खूबसूरती ऐसी कि देखने वालों की एक पल के लिए नजर ठहर रही थी. 6 वर्षीय गोलू के पिता PC-483 थे और इनकी मां का नाम राणी है जो 26 लीटर दूध देती थी. गोलू भैंसा कई बार राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड जीत चुका है.
गोलू की खुराक
साढ़े 5 फीट ऊंचाई और लगभग 15 क्विंटल वजन वाला गोलू भैंसा हर दिन 35 किलो सूखा और हरा चारा खाता है. इसके अलावा, खाने में चना उसकी सबसे पसंदीदा खुराक है. वहीं, खाने में आठ किलो तक गुड़ और कभी- कभार खाने में घी व दूध का स्वाद भी चखने को मिलता है. इसकी खुराक में ड्राई फ्रूट्स भी शामिल हैं. महीने भर में गोलू की खुराक पर लगभग 35 हजार रूपए खर्च हो जाते हैं.
गोलू भैंसा 30 हजार बच्चों का बाप
गोलू- 2 भैंसा के मालिक नरेंद्र सिंह ने बताया कि इसका सीमेन इतना तगड़ा है कि साधारण भैंस भी इसके सम्पर्क में आती है तो उसकी नस्ल बदल जाती है. इसी की तरह हट्टा- कट्टा बच्चा पैदा करती है. इसलिए गोलू भैंसा मशहूर है और इसकी कीमत करोड़ों रुपए तक पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि गोलू भैंसें के तीस हजार से अधिक बच्चे हैं.
पशुपालकों को जागरूक करना लक्ष्य
नरेंद्र सिंह ने बताया कि बिहार सरकार के अनुरोध पर हम कैटल एक्सपो में गोलू को लेकर पहुंचे हैं. हम चाहते हैं कि पशुपालक इसको देखें कि किस तरह का भैंसा होता है. इसकी खासियत पशुपालक समझें. उन्होंने बताया कि गोलू को मेले में लाने का मतलब पशुपालकों को जागरूक करना है. उनकी सोच है कि गोलू भैंसा के सीमन से बढ़िया नस्ल की भैंस और भैंसें तैयार हो.
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