गुरुग्राम में कबाड़ से बनाया कैफे, दूर-दूर से आते हैं लोग; शिमला से कम नहीं नजारा

गुरुग्राम | हरियाणा के जिला गुरुग्राम में एक कैफे ऐसा है जो पूरी तरह से कबाड़ से बनाया गया है. गुरुग्राम के गैरतपुर बांस गांव में स्थित थ्रोटल श्रॉतल लेपर्ड ट्रेल (Throttle Throttle Leopard Trail) पूरी तरह से कबाड़ के सामान से बना एक कैफे है. संचालक निर्भय के मुताबिक उन्होंने इस कैफे की शुरुआत अपने भाई के साथ की थी. बता दे यह कैफे 3 साल से खुला है. यहां पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं और दूर-दूर से आकर कॉफी चाय का आनंद लेते हैं.

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इस वजह से किया था कैफे शुरू

निर्भय ने बताया कि उन्होंने यह कैफे सिर्फ इसलिए शुरू किया था ताकि लोग यहां आकर चाय- कॉफी पी सकें, लेकिन उनका कैफे ऐसा बन गया कि अब वह अपने कैफे में खाने की हर वैरायटी रखते हैं. लोगों को न सिर्फ उनका कैफे बल्कि उनका खाना भी पसंद आता है. निर्भय के मुताबिक, उन्होंने यह कैफे इसलिए शुरू किया ताकि लोग यहां अपने परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने आएं. लोग उनके कैफे में आते हैं और प्रकृति की गोद में बैठकर खाते- पीते हैं. इस इलाके में सिर्फ गुरुग्राम ही नहीं बल्कि दूसरे शहरों से भी लोग मौज- मस्ती करने आते हैं.

कैफे के आसपास पहाड़ और नदियां

निर्भय ने बताया कि वह यहां पर घूमने के लिए आए थे. इसके बाद, वह यह देखकर काफी हैरान हुए कि गुरुग्राम में भी जंगल है. उन्होंने यहां एक कैफे खोलने की योजना बनाई. जिस जगह पर यह कैफे स्थित है वह प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है. यहां आकर आपको शिमला- मनाली जैसा अहसास होगा क्योंकि इस कैफे के आसपास पहाड़ और नदियां हैं.

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