हरियाणा सरकार अब 1- 1 इंच जमीन का रखेगी हिसाब- किताब; होगा पूरा रिकॉर्ड, मिलेंगे ये बड़े फायदे

चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार (Haryana Govt) राज्य की जमीन के 1- 1 इंच का हिसाब- किताब रखने की दिशा में नई कवायद शुरू करने जा रही है. इसमें रिहायशी, खेती, बंजर, पंचायती, शामलात, सरकारी- प्राइवेट, प्लॉट, मकान- दुकान सहित सभी प्रकार की जमीन शामिल होगी. इतना ही नहीं, सरकार के पास हर गांव और शहर में सरकारी संस्थानों व बोर्ड- निगमों की भी पूरी जमीन का रिकार्ड होगा.

Manohar Lal Khattar CM

इस संबंध में मनोहर सरकार पूरे हरियाणा की जमीनों का सर्वे करवाएगी और इसके लिए ड्रोन मैपिंग की शुरुआत साल 2024 से शुरू हो रही है. इस बारे में सीएम मनोहर लाल अधिकारियों को दिशा- निर्देश जारी कर चुके हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा सरकार को यह होगा कि विकास कार्यों में जमीन का संकट काफी हद तक खत्म हो जाएगा और किसी भी गांव में बड़े प्रोजेक्ट के लिए जमीन की आवश्यकता होगी तो सरकार को एक क्लिक पर पूरी जानकारी मिल जाएगी.

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प्रदेश सरकार को स्वामित्व योजना के तहत गांवों में बने मकानों और प्लाटों का तो ब्यौरा मिल गया है लेकिन बाकी जमीन का रिकार्ड सरकार के पास नहीं है. अब चरणबद्ध तरीके से गांवों में सभी प्रकार की जमीनों का रिकार्ड तैयार होगा. इसे कंप्यूटरीकृत किया जाएगा ताकि एक क्लिक पर पूरी जानकारी हासिल हो सके. इसके जरिए सरकार के सामने यह जानकारी आएगी कि गांव में कुल कृषि योग्य भूमि कितनी है और बंजर भूमि कितनी है.

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वहीं, शामलात और पंचायती भूमि कितनी है. इसी तरह कितने क्षेत्र में लोगों के मकान बने हुए हैं और कितने में खाली प्लॉट हैं. जोहड़ व तालाब में कितनी जमीन का इस्तेमाल हुआ है, गौचरान की कितनी भूमि है, कितने एरिया में बणी- जंगल हैं. इसी तरह से सरकारी स्कूल- कॉलेज, अस्पताल, पशु अस्पताल, धार्मिक स्थलों, डिस्पेंसरी व सामुदायिक केंद्र आदि के पास कितनी जमीन है. मैपिंग का यह कार्य ड्रोन की मदद से तथा रोवर्स मशीनों के माध्यम से पूरा होगा.

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किसानों को पूरी जमीन का कराना होगा पंजीकरण

अब प्रदेश सरकार ने मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भी थोड़ा बदलाव किया है. अभी तक केवल उन फसलों का ही ब्यौरा देना होता था, जिनकी पैदावार किसान कर रहे हैं लेकिन अब सरकार ने किसानों को उनकी पूरी जमीन का पंजीकरण करवाने को कहा है. इस कदम से फसल मुआवजे में फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा. साथ ही, जमीनी विवाद और कोर्ट में चल रहे केस भी खत्म हो सकेंगे.

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