चंडीगढ़ | हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को डॉक्टरों की हड़ताल का राज्य में मिलाजुला असर रहा. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डॉक्टरों की हड़ताल को नाजायज बताया है. विज ने कहा कि डॉक्टरों की मुख्य मांग कि स्पेशलिस्ट कैडर अलग होना चाहिए, मान ली गई है. डॉक्टर बहुत बुद्धिमान व्यक्ति होते हैं और अधिकांश डॉक्टर हरियाणा में कार्यरत हैं.
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा
एचसीएमएसए ने आज अपनी मांगों को लेकर 29 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. एसोसिएशन के प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा कि हम अपनी मांगों पर कायम हैं. 29 दिसंबर से आपातकालीन सेवाएं बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी. अगर राज्य में हालात बिगड़ते हैं तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी.
हड़ताली पर सरकार सख्त
सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है. बुधवार को 3466 में से 931 डॉक्टर हड़ताल पर रहे. डीजी हेल्थ डॉ. आरएस पूनिया ने सभी जिला सिविल सर्जन से हड़ताली डॉक्टरों की सूची मांगी है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को राज्य भर में हड़ताल के दौरान 931 डॉक्टर अनुपस्थित रहे. सबसे ज्यादा गुरूग्राम में 90, रेवाडी में 85, हिसार और पंचकुला में 77, पलवल में 76 और झज्जर में 70 डॉक्टर अनुपस्थित रहे.
ये है मुख्य मांग
एसएमओ की सीधी भर्ती न करने के मामले को लेकर पेंच फंसा हुआ है. इसमें कई तकनीकी और कानूनी बाधाएं हैं. वहीं, सरकार बॉन्ड की रकम 1 करोड़ से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने को तैयार नहीं है.
एचसीएमएसए की मुख्य मांगें
- वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को सीधी भर्ती के बजाय पदोन्नति से बनाया जाए.
- विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए अलग कैडर बनाना. हालांकि, 2 साल पहले सीएम मनोहर लाल ने भी घोषणा की थी, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ.
- नौकरी में रहते हुए पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) करने के लिए 1-1 करोड़ रुपये के दो बांड भरने होंगे. पहले की तरह इस राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की मांग की जा रही है.