नई दिल्ली | केन्द्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून (Hit & Run Law) पर देशभर में बवाल मचा हुआ है. इस कानून में हाल ही में संशोधन किया गया है जिसके विरोध में देशभर में ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. पूरे देश में चक्का जाम कर इस कानून का विरोध किया जा रहा है. आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर ये कानून क्या है और क्यों इसको लेकर विरोधाभास की स्थिति बनी हुई है.
क्या होता है हिट एंड रन
“हिट एंड रन” मामले सड़क दुघर्टना से जुड़े होते हैं. इसका मतलब है कि तेज स्पीड एवं लापरवाही से गाड़ी चलाने के चलते किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और फिर भाग जाना. ऐसे में सबूतों और प्रत्यक्षदर्शियों के अभाव के कारण दोषियों को पकड़ना और सजा देना बहुत मुश्किल हो जाता है.
बता दे हिट एंड रन के पुराने कानून के मुताबिक, ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान था.
अब यह है नया कानून
भारतीय न्याय संहिता में “हिट एंड रन” कानून में जो नए प्रावधान हैं, उसके मुताबिक अगर गाड़ी ड्राइवर हादसे के बाद पुलिस को सूचना दिए बिना फरार होता है तो उसे 10 साल की सजा होगी. साथ ही, 7 लाख रूपए का भारी जुर्माना भी वसूला जाएगा.
ड्राइवरों में इस बात का डर
नए कानून का विरोध कर ड्राइवरों का कहना है कि अगर दुर्घटना के बाद वे मौके से फरार होते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा हो जाएगी. अगर वे मौके पर ही रुक जाते हैं तो भीड़ उनपर हमला करके पीट- पीट कर मार भी सकती है. ड्राइवरों के लिए आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति हो गई है. यह बात सही भी है कि कई बार उग्र भीड़ हिंसक रूप ले लेती है और मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है.
केन्द्र सरकार का बयान
केन्द्र सरकार का कहना है कि सड़क मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, हिट एंड रन मामलों में हर साल देशभर में करीब 50 हजार लोगों की जान चली जाती है. मौतों के इन आंकड़ों को देखते हुए ड्राइवरों पर सख्ती करते हुए नए कानून में सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं. इससे सड़क दुघर्टना के मामलों में गिरावट दर्ज होगी.
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