चंडीगढ़ । हरियाणा की खट्टर सरकार विधानसभा में जबरन धर्मांतरण को रोकने हेतु लव जिहाद बिल को पेश करने वाली है, परंतु हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने और वर्तमान हरियाणा BJP सरकार की सहयोगी जननायक जनता पार्टी JJP के नेताओं ने लव जिहाद शब्द पर आपत्ति व्यक्त की है. प्रेस मीडिया से वार्ता के दौरान दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हम “लव जिहाद” शब्द से सहमत नहीं है जिसे दक्षिणपंथी मुस्लिम पुरुषों के द्वारा हिंदू महिलाओं के जबरदस्ती धर्मांतरण के लिए प्रयोग करते रहे हैं.
कानून अवश्य लागू होगा, पर लव जिहाद शब्द से है आपत्ति
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मै लव जिहाद शब्द से सहमत नहीं हूं. हमें विशेष रूप से जबरदस्ती करवाए जाने वाले धर्म परिवर्तन की जांच हेतु एक प्रभावी कानून प्राप्त होगा और हम इसका समर्थन भी करेंगे और साथ ही यदि कोई अपनी इच्छा से अपना धर्म परिवर्तित करता है या किसी अन्य धर्म में विवाह करने की इच्छा से धर्मांतरण करता है तो इस पर भी कोई पाबंदी नहीं होगी.
दुष्यंत चौटाला और जेजेपी नेता बीजेपी से है नाखुश
दुष्यंत चौटाला का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दुष्यंत चौटाला और जननायक जनता पार्टी जेजेपी के अन्य नेता किसान आंदोलन के मुद्दे पर पहले से ही भाजपा के स्टैंड से नाखुश हैं. दुष्यंत चौटाला ने किसानों की मांगों को समर्थन दिया है. नए कृषि कानूनों की समीक्षा की मांग कर चुके हैं. दुष्यंत चौटाला ने तो यह भी कहा कि अगर भारत सरकार ने किसानों की मांगों को नहीं माना और नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
इन राज्यों में पहले से ही लागू है कानून
आपको बता दें कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ कई बीजेपी शासित प्रदेशों ने इस प्रकार के कानूनों को पहले ही लागू कर दिया है, परंतु हरियाणा में इसे लागू करने की तैयारी के पश्चात नूंह जिले में जननायक जनता पार्टी जेजेपी को मुस्लिम समुदायों का विरोध देखने को मिला है, यहां इनकी बड़ी आबादी है और जननायक जनता पार्टी का वोट बैंक भी है.
मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ की मीटिंग
इसी दौरान दुष्यंत चौटाला डैमेज कंट्रोल करने में लग गए हैं। चंडीगढ़ में बुधवार को दुष्यंत चौटाला ने मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ मीटिंग की. जननायक जनता पार्टी के अल्पसंख्यक सेल के हेड मोहसिन चौधरी ने कहा कि, ” हमने अपने नेता दुष्यंत चौटाला के साथ मेवात के लोगों की एक मीटिंग आयोजित की थी. उन्होंने विधानसभा में पेश किए जाने वाले कानून के संबंध में हमारी चिंताओं को सुना और उस पर सकारात्मक आश्वासन भी प्रदान किया”.