फरीदाबाद के किसान ने सामान्य फसल की जगह की आधुनिक खेती, आज लाखों का बना मालिक

फरीदाबाद | हरियाणा में पारंपरिक खेती से अब किसान किनारा कर रहे हैं. लोग बागवानी खेती को अपना रहे हैं. यही कारण है कि हरियाणा के जिला फरीदाबाद के रहने वाले मुकेश यादव की पहचान एक प्रगतिशील किसान के रूप में होती है. 2 एकड़ में केले और पपीते की खेती से वह सालाना 7 लाख रुपये कमा रहे हैं. आज खेती में नये- नये प्रयोग कर मुकेश यादव प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में खड़े हो गये हैं.

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गांव मंझावली निवासी मुकेश यादव को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के लोकप्रिय बीजों से खेती करने के लिए दिल्ली में आयोजित कृषि मेले में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का ‘फेलो फार्मर’ पुरस्कार दिया. मेले में देशभर से कुल सात किसानों को सम्मानित किया गया.

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सामान्य फसल की जगह की आधुनिक खेती

मुकेश यादव ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकने वाली गेहूं और धान की सामान्य फसलों के बजाय फलों और सब्जियों की आधुनिक खेती पर ध्यान केंद्रित किया. उनकी मेहनत भी रंग लाई. आज खेतों में अमरूद, संतरा, अनार, मूली, गाजर, टमाटर, केला, पपीता, सरसों, पालक, धनिया, मिर्च, शलजम, चुकंदर, प्याज, आलू, मटर, टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, मौसमी फसलों का प्रचुर उत्पादन होता है.

नई पीढ़ी नहीं चाहती खेती करना

मुकेश यादव कहते हैं कि नई पीढ़ी खेती नहीं करना चाहती क्योंकि उन्होंने अपने गांव के आसपास के शहरों की चकाचौंध देखी है. वर्तमान में भी बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान के मजदूर पंजाब और हरियाणा के किसानों के खेतों में काम कर रहे हैं. किसानों की नई पीढ़ी खेती से हटकर सरकारी और प्राइवेट नौकरियों को प्राथमिकता दे रही है. इसलिए किसानों की नई पीढ़ी को सबसे पहले खेती से जोड़ना होगा. नई पीढ़ी से जुड़ने के लिए हमें एमएसपी की पारंपरिक खेती को छोड़कर बाजार की मांग के अनुरूप आधुनिक खेती पर ध्यान देना होगा.

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2008 में शुरू की थी खेती

बता दें मुकेश यादव ने 2008 में दिल्ली के पूसा से बीज लेकर खेती शुरू की थी. वह पूसा से 1121 धान के बीज लेते हैं. हर साल वह 44 से 50 एकड़ धान की खेती करते हैं. उन्होंने एक एकड़ में 15 से 18 क्विंटल प्रति एकड़ 1121 बासमती धान का उत्पादन किया है. इनका धान बाजार में इंडिया गेट बासमती के नाम से बिकता है.

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इसी प्रकार उन्होंने पूसा गेहूं के बीज एच- 2851, एचडी-2967, डब्ल्यूएच- 711, पीबीडब्ल्यू-343, पीबीडब्ल्यू- 502, पीबीडब्ल्यू- 226 खरीदकर अच्छा उत्पादन प्राप्त किया है. उन्हें गन्ना और दलहन के क्षेत्र में मूंग के उत्पादन के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया था.

गौशाला से भी हो रही कमाई

मुकेश यादव ने अब खेत में ही एक छोटी सी गौशाला बनाई है, जिसमें लगभग 25 गाय, भैंस और बैल हैं. इसके माध्यम से वह शुद्ध दूध और घी का व्यापार भी करते हैं. मुकेश यादव बताते हैं कि यहां के शुद्ध दूध से बना घी दिल्ली- मुंबई भी जाता है. डीसी प्रवीण कुमार द्वारा प्रथम जिला स्तरीय सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार भी मुकेश को दिया गया था.

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