11 जनवरी को पौष महीने की अमावस्या, इस तरह करें पितरों को प्रसन्न

ज्योतिष | हिंदू धर्म में पौष महीने की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. इस अमावस्या (Amavasya 2024) तिथि को भगवान विष्णु, महादेव और सूर्य भगवान की पूजा अर्चना की जाती है. साथ ही, पितरों के तर्पण के लिए भी इस दिन कुछ विशेष कार्य किए जाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, पोष महीने की अमावस्या तिथि का आरंभ 10 जनवरी को रात 8:10 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 11 जनवरी को शाम के 5:26 मिनट पर होने वाला है. सनातन धर्म में प्रत्येक व्रत और त्योहार को उदय तिथि के आधार पर ही मनाया जाता है.

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Mauni Amavasya

कब है पौष महीने की अमावस्या तिथि?

अबकी बार पोष महीने की अमावस्या तिथि 11 जनवरी को है. इस दिन स्नान करने और पितरों की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:15 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 11:48 मिनट तक रहेगा. हिंदू पंचांग में पोष महीने के कृष्ण पक्ष की जो अंतिम तिथि होती है. उसी दिन पोष अमावस्या मनाई जाती है. इस दिन नदी, तालाब इत्यादि में स्नान करने को काफी महत्वपूर्ण बताया गया है. स्नान करने के उपरांत दान करने से आपको कई गुना फल भी प्राप्त होते हैं, पोष महीने को पितरों का छोटा पितृपक्ष भी कहा गया है.

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इस प्रकार करें पितरों को प्रसन्न

अगर किसी भी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है, तो उसे इसके लिए कालसर्प की पूजा करनी चाहिए. पोष अमावस्या के दिन चांदी के बनाये हुए नाग नागिन की पूजा अर्चना करें और उसके बाद उसे बहते पानी में प्रवाहित कर दे. इस अमावस्या पर पितरों की पूजा अर्चना करने से पितृ दोष भी समाप्त हो जाता है, आपको जरूरतमंद लोगों को हो सके तो भोजन भी अवश्य करवाना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के लिहाज से भी पोष महीने की अमावस्या तिथि को काफी खास माना जाता है.

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डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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