सोनीपत | हरियाणा के सोनीपत जिले के मुरथल में स्थित “मन्नत ढाबा” को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कई रेस्तरां और ढाबों को दिल्ली- चंडीगढ़ राजमार्ग पर मुरथल में स्थित चर्चित मन्नत ढाबा के नाम का उपयोग करने से रोक दिया है.
न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने चार जनवरी को पारित एक आदेश में कहा कि अन्य संस्थाओं के ‘मन्नत’ ब्रांड नाम या उससे मिलता-जुलता नाम मन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के ट्रेडमार्क पर विशेष मालिकाना अधिकारों का उल्लंघन है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी अपने परिसरों को ‘मन्नत ढाबा’, ‘न्यू मन्नत ढाबा’, ‘श्री मन्नत ढाबा’, ‘अपना मन्नत ढाबा’ आदि के नाम से चला रहे हैं और उनमें से कुछ अब अपने ढाबों को नया रूप देने की कोशिश में लगे हैं. अदालत ने इकाइयों पर किसी भी मिलते-जुलते चिह्न या ब्रांड के नाम का उपयोग करने पर रोक लगा दी है.
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि ‘मन्नत ढाबा’ और ‘मन्नत’ सहित इसके ट्रेडमार्क प्रतीक चिन्ह को संबंधित कानून के तहत पंजीकृत किया गया है और 2008 से मुरथल में उनके ढाबों और रेस्तरां के लिए उपयोग किया जा रहा है. याचिका में दलील दी गई कि यह ब्रांड नाम लोकप्रिय है और निश्चित रूप से वादी के साथ जुड़ा हुआ है.
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