हिसार | खेल मैदान का जिक्र करें तो हरियाणा के खिलाड़ियों की बादशाहत से कोई अछूता नहीं है. यहां के छौरे ही नहीं बल्कि छोरियां भी खेलों में किसी से कम नहीं है. इसी कड़ी में कुश्ती में देश-विदेश में हरियाणा और हिंदुस्तान का नाम रोशन करने वाली हिसार जिले के गांव भगाणा की बेटी अंतिम पंघाल (Antim Panghal) को अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया है. बता दे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों अर्जुन अवार्ड से सम्मानित होने वाली अंतिम पंघाल 12 नेशनल और 5 इंटरनेशनल अवॉर्ड जीत चुकी है.
अंतिम पंघाल ने पहली बार अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए एशियाई गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर तिरंगे का गौरव बढ़ाया था. उन्होंने कुश्ती की वर्ल्ड चैंपियनशिप में लगातार 2 बार गोल्ड मेडल जीतकर अपना दमखम दिखाया. अब उनका अगला टारगेट ओलम्पिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतना है और इसके लिए वो निरंतर कड़ा परिश्रम कर रही है.
बचपन से ही पहलवानी का शौक
एक गरीब किसान परिवार के घर जन्मी अंतिम पंघाल को बचपन से ही कुश्ती खेलने का शौक था. गांव में व्यवस्था अच्छी नहीं थी तो पिता शहर आकर किराए के मकान में बसने लगे ताकि बेटी खेल की बारिकियों को सीख सकें. चार बहनों में सबसे छोटी अंतिम फिलहाल महावीर स्टेडियम में कुश्ती के दांव-पेच सीख रही है.
पिता ने बेची थी जमीन
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और बेटी की काबिलियत को देखते हुए पिता को चिंता होने लगी कि कही पैसों के अभाव में उनका खेल न बिगड़ जाए तो ऐसे में पिता ने बेटी को कुश्ती के खेल में आगे बढ़ाने के लिए डेढ़ एकड़ जमीन बेच दी थी. बेटी अंतिम पंघाल ने भी परिवार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए निरंतर परिश्रम किया और आज अनेक उपलब्धियां हासिल कर परिवार का गौरव बढ़ा रही हैं.
इंटरनेशनल टूर्नामेंट में अंतिम पंघाल की उपलब्धियां
- जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप 2022 और 2023 में गोल्ड मेडल
- एशियन चैंपियनशिप 2023 में गोल्ड मेडल
- वर्ल्ड सीनियर चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल
- एशियाई खेल 2023 में ब्रॉन्ज मेडल
- सब- जूनियर नेशनल गेम्स 2019, 2020 और 2021 में गोल्ड मेडल
- नेशनल गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल
- जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल