ज्योतिष | आज पौष अमावस्या मनाई जा रही है. बता दें कि यह साल की पहली अमावस्या है. इसे कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को मनाया जाता है. इस दिन पितरों का नमन करके पूजा पाठ करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. अगर आपके पितृ आपसे प्रसन्न होते हैं, तो आपके सभी कार्य बनते चले जाते हैं अर्थात् बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं. हर महीने की अमावस्या तिथि को पितरों की शांति के लिए पूजा की जाती है. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे की पौष अमावस्या की पूजा विधि क्या है और इस दिन आपको क्या- क्या कार्य करने चाहिए.
आज है पौष महीने की अमावस्या
पौष अमावस्या 10 जनवरी की रात को 8:10 मिनट पर शुरू चुकी है और इसका समापन आज यानी की 11 जनवरी को 5:26 मिनट पर होने वाला है. आज के दिन आपको पितरों के नाम से पुण्य कार्य और दान पुण्य करना चाहिए, ऐसा करने से आपके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. पौष अमावस्या पर पितरों के नाम से पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करें. साथ ही, जड़ में काले तिल डालकर दूध व जल मिलाकर चढ़ाए.
मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर पितरों का वास होता है. अमावस्या तिथि के दिन इसकी पूजा करने से पितर आपसे प्रसन्न हो जाते हैं और आपको सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. हो सके तो आपको इस दिन शाम के समय पीपल के पेड़ पर सरसों का और तुलसी के पेड़ पर घी का दीपक जलाना चाहिए.
आज के दिन अवश्य करें ये काम
- पौष अमावस्या के दिन सूर्य भगवान की पूजा अर्चना करें और उन्हें जल अर्पित करें.
- हाथ जोड़कर अपने पितरों को नमन करें और उनसे आपसे जो भी गलतियां हुई है, उनके लिए क्षमा याचना मांगे.
- आज शाम के समय आपको पितरों का मनपसंद खाना बनाकर ब्राह्मणों को दान करना चाहिए, साथ ही दक्षिणा भी देनी चाहिए.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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