नई दिल्ली | अग्निपथ योजना (Agnipath Yojana) को लेकर असंतुष्ट नजर आ रहे देशभर के युवाओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. मिली जानकारी के अनुसार, अग्निवीरों का सेवाकाल खत्म होने के बावजूद आपातकालीन स्थिति में उनके पुनः इस्तेमाल को लेकर रक्षा मंत्रालय को सुझाव मिले हैं और इसपर विचार किया जा रहा है. साल 2026 से पहले इस संबंध में अंतिम फैसला लिया लिया जाएगा क्योंकि अग्निवीरों के पहले बैच का कार्यकाल उसी दौरान खत्म होगा.
मौजूदा नियमों के तहत, 4 साल का सेवाकाल पूरा करने के बाद अधिकतम 25 फीसदी अग्निवीर सैनिकों को सेना में स्थायी नौकरी पर रखा जाएगा जबकि 75 फीसदी युवाओं की नौकरी समाप्त हो जाएगी. सेवा पूरी होने के वक्त इनमें से ज्यादातर सैनिकों की उम्र 25 साल के करीब होगी. हालांकि, पुलिस और अर्धसैनिक बलों समेत राज्य सेवाओं में इन अग्निवीर सैनिकों को रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन सेनाओं के लिए उनका आपातकालीन महत्व बना रह सकता है.
पिछले दिनों संसद में पेश एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि ऐसे अग्निवीर सैनिकों की एमरजेंसी समय में सेवाएं लेने के लिए रक्षा मंत्रालय एक व्यवस्था स्थापित करें क्योंकि ये युवा पूरी तरह से प्रशिक्षित होंगे और आपातकालीन स्थितियों से परिचित भी होंगे.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रिटायर्ड सैनिकों की उम्र कहीं ज्यादा होती है. ऐसे में योग्य और पुनः सेवा के इच्छुक अग्निवीर सैनिकों का एक डाटाबेस तैयार होना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें बुलाया जा सकें. केंद्र सरकार के इस फैसले से निश्चित तौर पर अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को राहत पहुंचेगी.
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