करनाल । कोरोना महामारी के दौर के बाद पहली से लेकर बारहवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोला गया. कोंरोना महामारी के नियमों में लापरवाही बरतने की वजह से राजकीय स्कूल के 55 विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके लिए स्कूल प्रिंसिपल व अध्यापकों को जागरूक होने की आवश्यकता है.
डीईओ ने ली स्कूल प्रिंसिपल ओं के साथ अहम बैठक
इसी दिशा में जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल सिंह ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 3 ब्लॉक के प्रिंसिपलओं के साथ बैठक की. साथ ही उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर स्कूल में कोई भी विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो इसका जिम्मेदार स्कूल होगा. बता दे कि स्कूल प्रिंसिपल की लापरवाही आपके घरों तक पहुंच सकती है.
डीईओ ने मीटिंग में स्कूल प्रिंसिपल से कहा कि मेन गेट पर स्क्रीनिंग के लिए 2 अध्यापकों की ड्यूटी लगाई जाए. स्कूल में जिस भी अध्यापक या विद्यार्थी का टेंपरेचर ज्यादा हो, उसे एंट्री ना दें. साथ ही उन्होंने कहा कि कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें स्कूलों में अध्यापक ही मास्क नहीं लगा रहे.
लापरवाही बरतने पर स्कूलों के खिलाफ होगी सख्त कारवाही
यदि अध्यापक ही मास्क नहीं लगाएंगे, तो फिर विद्यार्थी मास्क कैसे लगाएंगे. इसके साथ ही यह फैसला भी लिया गया कि एक बेंच पर एक ही बच्चे को बिठाया जाएगा. डीईओ ने बताया कि लगातार स्कूलों में निरीक्षण किया जा रहा है. सभी स्कूलों को कोंरोना के नियमों का पालन करना आवश्यक है. अगर वह ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी.
स्कूल प्रिंसिपल के साथ डीईओ की मीटिंग में, डीईओ ने कहा कि पहले की अपेक्षा 20 पर्सेंट अधिक विद्यार्थी बोर्ड परीक्षाओं में पास होने चाहिए. साथ ही बोर्ड परीक्षाओं के सिलेबस के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर पिछले साल के प्रश्न पत्रों की मदद से विद्यार्थियों की प्रैक्टिस करवाई जा सकती है.
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