हरियाणा में होम डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों को मिलेगी सुरक्षा, राज्य स्तरीय बोर्ड का होगा गठन

चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार (Haryana Govt) जल्द ही होम डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए एक राज्य स्तरीय बोर्ड का गठन करने जा रही है. इसके लिए सरकार की ओर से कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव के लिए एक विधेयक रखा जाएगा. इसका नाम ‘द हरियाणा गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड बिल- 2024’ प्रस्तावित है.

Employees Karamchari

इस प्रस्ताव पर उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त सिंह चौटाला ने मंगलवार को गुरूग्राम में विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों के अधिकारियों, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक संगठनों के पदाधिकारियों तथा श्रम, परिवहन, कराधान आदि विभागों के उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा की.

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प्रदेश में असंगठित सेवा क्षेत्र के 52.70 लाख श्रमिक

हरियाणा में असंगठित सेवा क्षेत्र में लगभग 52 लाख 70 हजार श्रमिक हैं. यह ज़ोमैटो, ओला, उबर, स्विगी, फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि ई- कॉमर्स कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाइक, स्कूटर और छोटे वाहनों पर सेवाएं देने वाले ये कर्मचारी अंशकालिक या पूर्णकालिक हो सकते हैं लेकिन इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है.

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार का विचार भवन निर्माण श्रमिकों की तरह इन गिग या मोबिलिटी श्रमिकों के लिए एक अलग कल्याण बोर्ड बनाने का है. उन्होंने सुझाव दिया कि अगर उन्हें गिग वर्कर के बजाय मोबिलिटी वर्कर कहा जाए तो बेहतर होगा. यदि इनके लिए बोर्ड का गठन हो जाए तो किसी भी असामान्य स्थिति में इन श्रमिकों या उनके परिवारों को आर्थिक सहायता दी जा सकेगी.

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ई- श्रम पोर्टल किया गया पंजीकृत

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि भारत सरकार ने श्रमिकों के पंजीकरण के लिए ई- श्रम पोर्टल शुरू किया है. आज असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें उनके बच्चों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना भी शामिल है. इसमें बेटी की शादी पर अनुदान देना, साइकिल खरीदने के लिए भत्ता देना आदि शामिल है.

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उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने कहा कि इस बिल पर सभी कंपनियां एक सप्ताह के भीतर अपने सुझाव मांगे हैं. उनके सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी. इसके अलावा मोबिलिटी वर्कर्स से भी इस संबंध में सुझाव लिए जाएंगे. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वैधानिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही हरियाणा गिग वर्कर्स कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा. इसमें उत्पाद शुल्क एवं कराधान विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, परिवहन विभाग, श्रम विभाग, मोबिलिटी वर्कर्स और ई के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

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